ऑनलाइन ठगी और स्कैम्स पर लगेगी लगाम, Google ने लॉन्च किया ‘सेफ्टी चार्टर’

Google Safety Charter India: भारत में बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए गूगल ने एक नया कदम उठाया है. कंपनी ने ‘सेफ्टी चार्टर’ नाम से एक पहल शुरू की है, जिसका मकसद है ऑनलाइन ठगी, स्कैम और फेक ऐप्स जैसे खतरों से निपटना.

भारत गूगल के लिए अमेरिका के बाद सबसे बड़ा बाजार है और यहां UPI और डिजिटल पेमेंट्स का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन इसके साथ-साथ ऑनलाइन ठगी के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, UPI से जुड़े फ्रॉड 2023 में 85% बढ़े और इनसे करीब 11 अरब रुपये का नुकसान हुआ.

गूगल अब इस चुनौती से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लेगा. कंपनी ने भारत में अपना सिक्योरिटी इंजीनियरिंग सेंटर (GSec) शुरू किया है, जो दुनिया में म्यूनिख, डबलिन और मलागा के बाद चौथा सेंटर है.

क्या करेगा यह सेंटर? (Google Safety Charter India)

इस सेंटर की मदद से गूगल लोकल यूजर्स, स्टूडेंट्स, छोटे कारोबारियों और सरकार के साथ मिलकर साइबरसिक्योरिटी, यूजर सेफ्टी और AI से जुड़ी समस्याओं पर काम करेगा. कंपनी की सिक्योरिटी हेड हीदर एडकिन्स के मुताबिक, गूगल तीन अहम क्षेत्रों पर ध्यान देगा:

  1. ऑनलाइन स्कैम और धोखाधड़ी से लोगों को बचाना
  2. सरकारी और जरूरी डिजिटल ढांचे को साइबर अटैक से सुरक्षित करना
  3. AI को सुरक्षित और जिम्मेदार तरीके से विकसित करना
Google Safety Charter India
Google Safety Charter India

सरकार और गूगल की साझेदारी (Google Safety Charter India)

गूगल ने भारत सरकार के होम मिनिस्ट्री के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के साथ भी साझेदारी की है. यह DigiKavach नाम के एक प्रोग्राम का हिस्सा है, जो लोगों को फ्रॉड ऐप्स और झूठे लोन ऐप्स से बचाने का काम करता है.

AI कैसे करेगा मदद? (Google Safety Charter India)

गूगल का कहना है कि वह AI का इस्तेमाल करके ऑनलाइन स्कैम को पहचानने और रोकने का काम पहले से कर रहा है. उदाहरण के लिए:

  • Google Messages ने AI की मदद से अब तक 500 मिलियन से ज्यादा फर्जी मैसेज को ब्लॉक किया है.
  • Play Protect फीचर ने 60 मिलियन से ज्यादा खतरनाक ऐप्स को डाउनलोड होने से रोका है.
  • Google Pay ने 4.1 करोड़ संदिग्ध लेन-देन को लेकर यूजर्स को अलर्ट किया है.

आगे का रास्ता

गूगल का कहना है कि आने वाले समय में वह भारत की जरूरतों के मुताबिक और भी बेहतर टेक्नोलॉजी और सुरक्षा उपाय विकसित करेगा. इसका उद्देश्य है लोगों को एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण देना, जहां वे बिना किसी डर के ऑनलाइन काम कर सकें.

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