सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद सरकार का फैसला, स्कूल जाने वाले बच्चों को मिली बड़ी राहत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण की स्थित (Supreme Court on Air Pollution) पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Govt) को फटकार लगाई और सवाल पूछा कि जब आपने अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम (Work from Home) लागू किया है तो फिर बच्चों को स्कूल जाने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है. इसके बाद दिल्ली सरकार ने स्कूल जाने वाले बच्चों को राहत दी है और स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. अब बच्चों को खतरनाक प्रदूषण के बीच स्कूल नहीं जाना होगा.

अगले आदेश तक बंद रहेंगे दिल्ली के सभी स्कूल

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा, ‘राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए सरकार ने दिल्ली के सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है.’ जब गोपाल राय से पूछा गया कि स्कूल कब तक बंद रहेंगे तो उन्होंने कहा कि सभी स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे.

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति

अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की गति धीमी होने के चलते प्रदूषण तत्व जमा होंगे, जिससे आने वाले 1-2 दिन वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है. दिल्ली में बुधवार (1 दिसंबर) सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 357 रहा, जबकि मंगलवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 328 रहा था. पड़ोसी फरीदाबाद में एक्यूआई 342, गाजियाबाद में 361, ग्रेटर नोएडा में 310, गुड़गांव में 359 और नोएडा में 336 दर्ज किया गया.

कब कितनी खराब मानी जाती है हवा

बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शून्य से 50 के बीच रहने पर हवा को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 और 100 के बीच एक्यूआई ‘संतोषजनक’ श्रीणी में माना जाता है. वहीं एक्यूआई जब 101 और 200 के बीच रहता है प्रदूषण को ‘मध्यम’, जबकि 201 और 300 के बीच इसे खराब माना जाता है. 301 और 400 के बीच हवा को ‘बेहद खराब’ माना जाता है, जबकि 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.

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