शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय जगदलपुर के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल

रायपुर। ‘शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर जगदलपुर का चतुर्थ दीक्षांत समारोह राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि उच्च शिक्षा युवाओं के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए उन्नत ज्ञान, कौशल और अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में 93 छात्रों को गोल्ड मेडल, 43 छात्रों को पीएचडी और एक मानद उपाधि प्रदान की गई। समारोह में राज्यपाल हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से युवा गंभीर सोच क्षमताओं, रचनात्मकता और नैतिक मूल्यों को प्राप्त करते हैं, जो उन्हें जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। यह बेहतर करियर संभावनाओं के द्वार खोलता है, आर्थिक विकास में योगदान देता है और अपने समुदायों में सशक्त नेताओं और सक्रिय नागरिकों को तैयार करता है। एक साक्षर युवा किसी भी समाज, राज्य या देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ सरकार विशेष रूप से युवाओं से अपेक्षा करती है कि वे शांति, सद्भाव और प्रगति के मूल्यों को बनाए रखते हुए अपने समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय रूप से भाग लें। उन्हें रोजगार क्षमता बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास में योगदान देने के लिए शिक्षा और कौशल विकास पहल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। राज्यपाल हरिचंदन ने उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी और शोधकर्ताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि बस्तर समृद्ध, प्राकृतिक प्रचुरता और जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध भूमि है। प्रकृति ने बस्तर को अप्रतिम सौंदर्य का उपहार दिया है। इसके हरे-भरे जंगल, बहती नदियाँ और खनिज युक्त मिट्टी इसकी पारिस्थितिक समृद्धि का प्रमाण हैं। बस्तर के आकर्षण के केंद्र में इसकी जीवंत सांस्कृतिक पच्चीकारी निहित है। गोंड, माड़िया और मुरिया जैसी जनजातियों ने अद्वितीय भाषाओं, रीति-रिवाजों और कला रूपों का पोषण किया है। बस्तर में आधुनिकता को अपनाते हुए सतत विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है। श्री हरिचंदन ने कहा कि आधुनिक उपकरणों, प्लेटफार्मों और संसाधनों तक पहुंच के साथ, आज के युवाओं के पास गरीबी, असमानता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य देखभाल जैसी गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करने की क्षमता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्न्ता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय को केंद्रीय परियोजना ‘‘मेरु‘‘ के तहत 100 करोड़ रुपये के अनुदान की स्वीकृति मिली है, जिससे विश्वविद्यालय में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। जिनमे कई विभागों का संचालन भी शामिल है। ‘‘विकसित भारत‘‘ /2047 अभियान में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के छात्रों की सक्रिय भागीदारी पर भी उन्होंने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम 2047 तक पूर्ण विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक पूरी पीढ़ी को शामिल करने के लिए एक मंच है। हम सब मिलकर एक प्रगतिशील और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में प्रयास करना जारी रखें।

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