ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर सोमवार को होने वाली सुनवाई से पहले एक मामला सामने आया है। शिवलिंग को फव्वारा बताने वाले श्री काशी करवत मंदिर के महंत गणेश शंकर उपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। महंत ने कहा कि उनके खिलाफ गलत इंटरव्यू चलाया गया जिससे आहत होकर उन्होंने यह फैसला किया है।
पद से इस्तीफा देने के बाद गणेश शंकर उपाध्याय ने महंत पद की जिम्मेदारी अपने छोटे भाई को सौप दी और बताया कि वह कुचक्र का शिकार हो गए थे जिसके चलते मैंने महंत पद का त्याग कर दिया है। दरअसल, कुछ दिन पहले गणेश शंकर उपाध्याय ने एक टीवी चैनल को दिए बयान में कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे में जो शिवलिंग जैसी आकृति मिली है वो शिवलिंग नहीं है, बल्कि फव्वारा ही है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने बचपन से देखा है। सैकड़ों बार वहां गए हैं।
महंत के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया में छाया हुआ है। वीडियो के सामने आने पर जहां शिवलिंग बतानेवाले नाराज दिख रहे हैं, वहीं फव्वारा कहनेवाले काशी करवत मंदिर के महंत के बयान को सबूत की तरह कोर्ट में पेश करने की मांग कर रहे हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान रिकॉर्ड किए गए वीडियोग्राफ और फोटोग्राफ में क्या है, इसका खुलासा सोमवार यानि 30 मई को होगा। दोनों पक्षों को इसकी एक-एक कापी उसी दिन सौंपी जाएगी। शुक्रवार को इसे सौंपने की तैयारी थी लेकिन तकनीकी कारणों से नहीं दी जा सकी। इस बीच इसके दुरुपयोग की आशंका भी जताई जाने लगी है। दोनों पक्षों ने इसे लेकर जिला जज और जिला मजिस्ट्रेट के यहां अर्जी दी।