7 गोलियां लगने के बाद भी डटे रहे, 4 नक्सलियों को किया ढेर… शहीद जवान राजू पोयम को सैल्यूट

जगदलपुर। आदिवासी बड़े शूरवीर होते हैं। वे पीठ पर गोली खाना कतई पसंद नहीं करते। वे सीधे सीने पर गोली खाकर मातृभूमि के लिए मर मिट जाने पर भरोसा करते हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण है आदिवासी जवान राजू पोयम की शहादत।

सात गोलियों का जख्म सहने के बाद भी राजू पोयम मैदान छोड़कर भागे नहीं, बल्कि नक्सलियों का डटकर मुकाबला करते रहे। आज न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरा देश रणबांकुरे राजू पोयम को सैल्यूट कर रहा है।

20 मार्च को बीजापुर जिले और दंतेवाड़ा जिले की सरहद पर हुई मुठभेड़ में बस्तर संभाग के वीर आदिवासी सपूत राजू पोयम शहीद हो गए थे। डीआरजी जवान राजू पोयम बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के जंगलों में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में फोर्स का हिस्सा थे।

naidunia_image

7 गोली लगने के बाद भी 4 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा

  • सूत्र बताते हैं कि राजू पोयम के शरीर पर सात गोलियां लगी थीं, फिर भी वे अपना दर्द भूलकर नक्सलियों का डटकर मुकाबला करते रहे। तीन चार नक्सलियों को ढेर करने के बाद ही राजू पोयम ने अंतिम सांस ली।
  • निडरतापूर्वक नक्सलियों से लोहा लेते हुए राजू पोयम ने अपनी जान की बाजी लगाकर वीरगति को प्राप्त किया। क्षेत्र का हर नागरिक कह रहा है कि ऐसे वीर जवान को दिल से सलाम है जिसने भारत माता के लिए अपनी जान निछावर कर दी।

naidunia_image

ढेर हुए थे 26 नक्सली

बता दें कि शुक्रवार को बीजापुर और दंतेवाड़ा सीमावर्ती जंगल गंगालुर में पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी। फोर्स ने मुठभेड़ में 26 नक्सली मार गिराए थे। इस मुठभेड़ में डीआरजी के जवान राजू पोयम शहीद हो गए थे।

आज उनके पार्थिव शरीर को बीजापुर मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद गृहग्राम भैरमगढ़ ले जाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। राजू पोयम को अंतिम विदाई देने ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!