रायपुर। संचालनालय आयुष द्वारा रायपुर के सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने ‘होम्योपैथिक अप्रोच इन एक्युट कंडीशनन्स (Homeopathic Approach in Acute Conditions)’ विषय पर अपने विचार साझा किए। विश्व होम्योपैथी दिवस पर नवीन विश्राम भवन में होम्योपैथी चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया। होमियोपैथी चिकित्सकों ने शिविर में लोगों की जांच एवं उपचार कर निःशुल्क दवाईयां दीं।
टी.एस. सिंहदेवस्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि होम्योपैथी की वैज्ञानिकता, असर और उपयोगिता को लोगों के बीच प्रभावी ढंग से रखा जाना चाहिए। होम्योपैथी भी दूसरी पद्धतियों की तरह कारगर है, इस बात को व्यवहारिक रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। होम्योपैथी भी दूसरी पद्धतियों की तरह प्रभावी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में होम्योपैथी डॉक्टर की नियुक्ति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष संचालनालय के अधिकारियों-कर्मचारियों और डॉक्टरों को विश्व होम्योपैथी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ में पहली बार इसका आयोजन किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक होम्योपैथी उपचार की विश्व में दूसरी सबसे लोकप्रिय पैथी है। श्री सिंहदेव ने कहा कि अपने पाचन तंत्र के विकार से जुड़ी परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने स्वयं होम्योपैथी की दवाई ली थी और इससे उन्हें पूरी राहत मिली थी। इस पद्धति से जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर इसकी स्वीकार्यता और लोकप्रियता को बढ़ाया जाना चाहिए। राज्य शासन इसमें हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने संगोष्ठी में होम्योपैथी से इलाज पर आधारित ‘होम्योदर्शन’ स्मारिका का विमोचन भी किया।