मास्टर प्लान को दरकिनार कर बनाया जा रहा चौपाटी
रायपुर। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में चौपाटी बनाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान नगर निगम रायपुर और स्मार्ट सिटी कंपनी ने अपने जवाब में कहा है कि एजुकेशन हब में चौपाटी का निर्माण नहीं किया जा रहा है और न ही अभी निर्माण शुरू हुआ है। इस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति की, तब कोर्ट ने गूगल मैप के दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा। अब इस केस की सुनवाई शुक्रवार को होगी।
रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में नगर निगम चौपाटी बना रहा है। पूर्व मंत्री राजेश मूणत इसका विरोध कर रहे हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि साइंस कॉलेज ग्राउंड और रविशंकर यूनिवर्सिटी कैंपस एजुकेशन हब है, यहां चौपाटी बनाना अवैधानिक है। राजेश मूणत और भाजपा के जिलाध्यक्ष जयंती पटेल ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी के इस निर्णय के विरोध में एडवोकेट प्रदीप मिश्रा, जयप्रकाश शुक्ला के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें प्रकरण की सुनवाई होते तक चौपाटी के निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि रायपुर नगर निगम का मास्टर प्लान 2011 में बना था, जिसे 2021 में एप्रुव कराया गया है। मास्टर प्लान में शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास कमर्शियल एक्टीविटी स्वीकृत नहीं है। इसके बावजूद स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी और नगर निगम की ओर से बिना किसी सक्षम अधिकारी की स्वीकृति और अनुमति के अवैधानिक रूप से चौपाटी का निर्माण किया जा रहा है। नगर निगम नहीं दे रहा दस्तावेज : याचिका में यह भी बताया गया है कि नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी किस आधार पर शैक्षणिक संस्थाओं के परिसर में चौपाटी बना रहे हैं, इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने नगर निगम से दस्तावेज भी मांगे थे। लेकिन, नगर निगम की ओर से उन्हें दस्तावेज भी नहीं दिया गया। वहीं, मनमाने तरीके से चौपाटी निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है, जिस पर रोक लगाने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ताओं से मांगे गूगल मैप के दस्तावेज : याचिकाकर्ताओं की तरफ से पिछले सोमवार को सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने पैरवी करते हुए तर्क रखा। उन्होंने सभी तथ्यों को हाईकोर्ट को बताया। प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन, रायपुर कलेक्टर, नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी रायपुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। आज रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी की तरफ से जवाब प्रस्तुत किया गया। इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं ने जिस जगह पर आपत्ति जताई है और याचिका दायर की है, वहां निर्माण कार्य ही नहीं हुआ है। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने इसका विरोध किया और बताया कि जिस जगह पर काम चल रहा है वह गूगल मैप में अभी भी साइंस कॉलेज परिसर दिखा है। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से गूगल मैप के दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए है।