नई दिल्ली . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी 9 समन के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई. हालांकि, कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं मिली है अदालत ने केजरीवाल से कहा कि आप ईडी के सामने पेश होंगे तभी आपको पता चलेगा कि आपको गवाह के तौर पर बुलाया जा रहा है या आरोपी के तौर पर. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी. ईडी ने उन्हें नौवां समन भेजते हुए 21 मार्च को हाजिर होने को कहा है.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका पर जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की बेंच के सामने सुनवाई हुई. बेंच ने केजरीवाल से पूछा कि उन्हें 9 समन जारी किए गए हैं. वह अब तक पेश क्यों नहीं हुए? पेशी में क्या दिक्कत है? अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले में 9 समन जारी हुए. सभी पर हमने जवाब दाखिल किया. हमने कहा है कि हम वर्चुअली जवाब देने के लिए तैयार हैं. अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि पेश होने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कुछ प्रोटेक्शन चाहिए. अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से ED को समन जारी करने की मांग की.
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा. ईडी ने कहा कि याचिका सुनवाई के लायक नहीं है और इसको लेकर जवाब दाखिल किया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 अप्रैल 2024 को होगी. हालांकि, कोर्ट ने ईडी के समन पर ना तो रोक लगाई है और ना केजरीवाल को लेकर कोई आदेश जारी किया है.
CBI और ED का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता हुई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था. इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था. इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 22 जुलाई 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर CBI जांच की सिफारिश की. सीबीआई ने इस पर प्राथमिकी की थी.