High Court order to SpiceJet: दिल्ली हाईकोर्ट ने बजट एयरलाइन स्पाइसजेट को उसके विमानों के लिए इंजन उपलब्ध कराने वाले पट्टेदाताओं को 4 मिलियन डॉलर यानी करीब 33.26 करोड़ रुप का भुगतान करने का आदेश दिया है. एयरलाइन को यह भुगतान 15 फरवरी तक करना होगा. भुगतान न करने पर कोर्ट ने संचालन बंद करने की चेतावनी दी है.
पिछले साल दिसंबर (2023) में दिल्ली HC ने स्पाइसजेट को 4.5 लाख डॉलर (लगभग 3.74 करोड़ रुपS) का भुगतान करने का आदेश दिया था. एयरलाइन ने यह भुगतान कर दिया था. लेकिन, पट्टाधारकों ने बकाया राशि के भुगतान के लिए उन पर फिर से दबाव बनाया है.
आपूर्तिकर्ता दर्ज कराना चाहते हैं मामला
सुनवाई के दौरान इंजन आपूर्तिकर्ताओं ने अदालत को बताया कि स्पाइसजेट ने विवाद सुलझाने के लिए एक प्रस्ताव दिया था, जो उन्हें स्वीकार्य नहीं है. पट्टादाताओं ने अदालत से यह भी कहा कि वे अब स्पाइसजेट पर मुकदमा चलाना चाहते हैं. मामले की अगली सुनवाई अब 21 फरवरी 2024 को होगी.
नहीं किया दो साल से भुगतान
लीजिंग कंपनियों, टीम फ्रांस-01 एसएएस और सनबर्ड फ्रांस-02 एसएएस ने मुकदमा दायर कर आरोप लगाया कि एयरलाइन ने दो साल से अधिक समय से उन्हें 12.9 मिलियन डॉलर (लगभग 107 करोड़ रुपये) का भुगतान नहीं किया है. पट्टादाताओं ने एनसीएलटी से उन्हें दिवालिया घोषित करने का आग्रह किया है
2023 में, एयरकैसल आयरलैंड लिमिटेड, विलिस लीज कॉर्पोरेशन, विलमिंगटन और सेलेस्टियल सहित कुल 5 विमान पट्टेदारों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में एयरलाइन के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर की. इन एप्लीकेशन के जरिए कंपनियां स्पाइसजेट को दिवालिया घोषित कर अपना बकाया वसूलना चाहती थीं.