पोते को दादा-दादी से मिलने से रोकने पर हाईकोर्ट ने मां को लगाई फटकार…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उक्त आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें अलग रहे माता-पिता के बच्चों से उनके दादा को मुलाकात करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया गया था। इसके अलावा हाईकोर्ट ने यह आदेश भी खारिज कर दिया जिसमें पिता को बच्चे से केवल कोर्ट परिसर में मिलने की अनुमति दी गई थी।

राजनांदगांव जिले के एक दंपती के बीच अलगाव के बाद उनके बच्चों की अभिरक्षा को लेकर एक प्रकरण परिवार न्यायालय में चल रहा है। बच्चे इस समय मां के पास हैं। बच्चों के पिता और उसके दादा ने उनसे मुलाकात के लिए उक्त न्यायालय में आवेदन लगाया था। न्यायालय ने पिता को कोर्ट परिसर में बच्चों से मुलाकात की अनुमति दी लेकिन दादा के आवेदन को रद्द कर दिया।

इस आदेश के खिलाफ बच्चों के पिता और दादा ने हाईकोर्ट में अपील की। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की डिवीजन बेंच में इसकी सुनवाई हुई। बेंच ने पिता को केवल कोर्ट परिसर मुलाकात करने की शर्त को हटा दिया और कहा कि कोर्ट का माहौल बच्चों के लिए अनुकूल नहीं है। इसके अलावा दादा को भी मिलने की अनुमति देते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता बच्चों के दादा की उम्र 80 वर्ष है। बच्चों के लालन-पालन में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। बच्चों को उनके साथ संपर्क से वंचित नहीं किया जा सकता।

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