अवमानना प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी के खिलाफ हाई कोर्ट का जमानती वारंट

 

बिलासपुर। अवमानना पर हाईकोर्ट ने मनोज मरकाम अनुविभागीय राजस्व डौण्डी लोहारा जिला बालोद को जमानती वारंट जारी किया। जाति प्रमाण पत्र पर माननीय हाईकोर्ट का निर्देश 22 फरवरी 2022 को जारी किया गया जिसमें आवेदक की जॉच कर चार माह में आदेश जारी करने का निर्देश दिया था, जिसका पालन नहीं किये जाने पर आवेदक के द्वारा अवमानना का प्रकरण दायर किया गया, प्रकरण में विधिवत सूचना पत्र जारी किया, आज तक माननीय हाईकोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया और ना ही हाईकोर्ट में जवाब दिया, जिससे अवमानना करने वाले अधिकारी मनोज मरकाम को कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया, मामला डौण्डी लोहारा जिला बालोद का है।

ज्ञात हो कि आवेदक संतोष कुमार मेश्राम जाति महार ने 04 अक्टूबर 2020 को छत्तीसगढ़ में आरक्षण का लाभ लेने जाति प्रमाण पत्र के लिये ऑनलाईन आवेदन किया, जिसे नियमानुसार एक माह में स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी हो जाना था, जो कि नहीं किया गया।आवेदक ने लवकुमार रामटेके अधिवक्ता छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मो.9827480450 के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। आवेदक के अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि उनके पास पास 1950 का रिकार्ड नहीं है, जिसके लिये उन्होंने असमर्थता ग्यापन जमा किया है, जिसके बाद आवेदक से 1950 के लिखित रिकार्ड की मॉग नहीं की जा सकती, बल्कि आवेदन के जाति की जॉच की सकती है। कोर्ट ने उक्त तर्क के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी लोहारा को आदेश जारी किया कि बिना 1950 के रिकार्ड की मॉग किये जॉच करें और सत्य होने पर जाति प्रमाण पत्र जारी करें। बता दे कि आवेदक के पूर्वज अविभाजित मध्यप्रदेश के निवासी रहे है जो 1977 में भिलाई ईस्पात संयंत्र में काम करने यहॉ आये थे और स्थायी रूप से दल्ली राजहरा व दुर्ग बस गयें. यहीं आवेदक का जन्म व शिक्षा हुई. आदेश की कापी कल अपलोड होगी. याद रखें जो लडेगा वहीं जितेगा. समय जरूर लगता है।

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