आज शाम हो सकती है हिमाचल सीएम की घोषणा, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में होगा फैसला

 

शिमला. हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की घोषणा शनिवार शाम हो सकती है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा. बैठक शाम 4:30 बजे होगी. पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक लगातार विधायकों और पार्टी आलाकमान के संपर्क में हैं. पार्टी सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री में से किसी एक के नाम पर मुहर लगाएगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सुक्खू का दावा है कि अधिक विधायकों का समर्थन उनके साथ है, जबकि प्रतिभा सिंह प्रदेश अध्यक्ष और वीरभद्र सिंह की विरासत के नाम पर सीएम पद चाहती हैं.

इधर, मुकेश अग्निहोत्री पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं. इस वजह से वह भी सीएम पद पर दावा कर रहे हैं. गौरतलब है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम पद पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं. उन्होंने उसकी वजह भी बताई हैं. News18 से खास बातचीत में सुक्खू ने कहा, प्रतिभा सिंह के प्रभाव वाले मंडी जिले में कांग्रेस को 10 में से सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली. आलाकमान चुनाव से जुड़ी सभी बातों को ध्यान में रखकर फैसला लेगा. जो हमीरपुर सीट है वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का क्षेत्र है और अनुराग ठाकुर की संसदीय सीट है. हमने वहां शानदार प्रदर्शन करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि हाई कमांड के पास सरे डिटेल्स हैं.

दो उप-चुनाव मोल नहीं लेना चाहती कांग्रेस
दसूरी तरफ, पार्टी का मत है कि मुख्यमंत्री विधायकों में से ही होना चाहिए. इन नेताओं को लगता है कि प्रतिभा सिंह को सीएम बनाने पर दो उप-चुनाव कराने पड़ेंगे. एक लोकसभा का, दूसरा विधानसभा का. ऐसे में जब मंडी में 10 में से 9 सीट कांग्रेस हार गई तो तुरंत उप-चुनाव में उतरना ठीक नहीं होगा. क्योंकि, अगर कहीं हार गए तो जो माहौल बना है वह बिगड़ सकता है. प्रतिभा को संभालने के लिए उनके बेटे विक्रमादित्य को मंत्रिमंडल में बड़ा ओहदा दिया जा सकता है.

हमारे परिवार को पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती- प्रतिभा
हिमाचल सीएम की घोषणा के लिए ऑब्जर्वर भूपेश बघेल, भूपिंदर हुड्डा और प्रभारी राजीव शुक्ला शुक्रवार को शिमला पहुंचे थे. इस दौरान प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने भूपेश बघेल के काफिले के सामने ही नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया था. उनका कहना था कि प्रतिभा सिंह को सीएम बनाया जाए. इधर, चुनाव जीतने के बाद प्रतिभा सिंह ने कहा था कि यह चुनाव उनके पति स्व. वीरभद्र सिंह के नाम पर ही लड़ा गया. इसलिए उनके परिवार को पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती.

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