उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर से निकलकर अपनी पहचान बना पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रहने वाली अपूर्वा यादव पहले इंजीनियर बनीं, फिर नौकरी करने के लिए अमेरिका गईं और उसके बाद जनसेवा के लिए सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी (First Female SDM Of Mainpuri). जानिए एसडीएम अपूर्वा यादव के संघर्ष और सफलता की कहानी.
हर कोई प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exam) के पहले ही प्रयास में सफल नहीं हो जाता है. कुछ लोगों को इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर मैनपुरी की रहने वाली अपूर्वा यादव तीन बार यूपी पीसीएस परीक्षा (UP PCS Exam) में असफल हो गई थीं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार चौथे प्रयास में एसडीएम बनकर सफलता के झंडे गाड़ दिए (First Female SDM Of Mainpuri).
अपूर्वा यादव की स्कूलिंग हिंदी मीडियम से हुई है. लेकिन इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए उनका अंग्रेजी में एक्सपर्ट होना भी जरूरी था. उन्होंने खूब मेहनत की और न सिर्फ इंजीनियरिंग पूरी कर ली, बल्कि टीसीएस में नौकरी भी लग गई (TCS Jobs). तीन साल तक टीसीएस जैसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने के बाद उन्हें अमेरिका जाने का मौका मिला. वहीं उनके दिमाग में सिविल सर्विस (Civil Services) का ख्याल आया.
अपूर्वा यादव यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) के साथ ही यूपी पीसीएस परीक्षा (UP PCS Exam) की भी तैयारी करती रहीं. तीन बार असफल होने के बाद आखिरकार साल 2016 में चौथे प्रयास में वह सफल हो गई थीं. इसमें 13वीं रैंक हासिल कर वह अपने शहर की पहली महिला एसडीएम बन गईं (First Female SDM Of Mainpuri). अपूर्वा यादव की यह उपलब्धि काफी सराहनीय है.
मैनपुरी की पहली महिला एसडीएम अपूर्वा यादव ने अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए काफी मेहनत की है. इसके लिए उन्होंने टीवी पर इंग्लिश प्रोग्राम देखे, इंग्लिश नॉवेल देखे, बिना संकोच के लोगों से टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात भी की (English Learning Tips). इससे पता चलता है कि अगर व्यक्ति लगातार अभ्यास करता रहे तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है.