केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उदयपुर (Udaipur) में हुई कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal) की नृशंस हत्या के मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी है. गृह मंत्रालय ने एनआईए को निर्देश दिया है कि इस हत्या के पीछे विदेशी लिंक समेत गहरी साजिश का पता लगाया जाए. एनआईए की एक विशेष टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल की तरफ रवाना हो गई है.
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इस मामले में हत्या कांड के बाद जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं उसे लेकर ऐसे मामलों से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को सख्त निर्देश दिए. गृहमंत्री की सख्ती को देखते हुए मामले की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दी गई.
हत्याकांड के पीछे गहरी साजिश और विदेशी लिंक भी हो सकता है- शक
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि उदयपुर में हुई इस घटना को लेकर गृह मंत्रालय ने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी है. आरंभिक जांच के दौरान यह शक जाहिर किया गया है कि इस हत्याकांड के पीछे गहरी साजिश और विदेशी लिंक भी हो सकता है. एनआईए के आला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस पूरी गहरी साजिश का अंदर तक जाकर पता लगाया जाए और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा ना जाए. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआईए की एक विशेष जांच टीम अपने फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल की तरफ रवाना हो गई है.
दुकान में घुसकर धारदार हथियार से हमला किया
ध्यान रहे कि बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर मंगलवार दोपहर उदयपुर के रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने दिनदहाड़े कन्हैया लाल की बर्बरता से हत्या कर दी थी. दोनों ने टेलर का काम करने वाले कन्हैया लाल की दुकान में घुसकर धारदार हथियार से पहले उसके शरीर पर कई वार किए और फिर गर्दन काट दी. आतंक की पराकाष्ठा यह थी कि इन लोगों ने घटना के बाद खून से लथपथ हथियार दिखाकर हंसते हुए अपना एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया. इसमें अन्य लोगों को भी गला काटने की धमकी दी गई है. राजस्थान पुलिस ने देर शाम इन दोनों को राजसमंद इलाके से गिरफ्तार कर लिया था.
कन्हैया लाल को पहले भी किया गया था गिरफ्तार
इस मामले में यह भी आरोप है कि सोशल मीडिया पर कन्हैया लाल द्वारा एक कथित पोस्ट डाले जाने को लेकर उदयपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. इसके बाद जमानत पर रिहा हुए कन्हैया लाल ने 15 जून को पुलिस को बताया कि उसे धमकियां मिल रही हैं. आरोप है कि स्थानीय थानेदार ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता करा दिया था लेकिन उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस ने कोई इंतजाम नहीं किए थे. पुलिस का कहना है कि नामजद शिकायत के बाद पुलिस प्रशासन ने उसे सुरक्षा मुहैया कराई थी लेकिन कुछ दिन बाद में हटा ली गई थी. मंगलवार को कन्हैया लाल बिना सुरक्षा के अपनी दुकान खोलने पहुंचे थे जहां हत्यारों ने उनकी हत्या कर दी.
विदेशी लिंक का भी पता लगाया जाएगा
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी दोनों हत्यारों द्वारा बनाए गए वीडियो की भी गहन जांच करेगी जिसमें इन लोगों ने धमकियां दी है और कथित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी तक भी पहुंचने की बात कही है. सूत्रों के मुताबिक नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी इन दोनों को रिमांड पर लेने के लिए विशेष अदालत के सामने प्रार्थना पत्र पेश करेगी. जहां से दोनों को रिमांड पर लेकर इस मामले की गहन जांच की जाएगी. साथ ही इस मामले में हुई साजिश और विदेशी लिंक का भी पता किया जाएगा.