रायपुर। चातुर्मास की घड़ी अब बहुत नजदीक आ चुकी है। कुछ ही दिनों में प्रदेश सहित पूरे शहर के लोग एक नए उमंग के साथ अपना दिन और समय व्यतीत करेंगे। चूंकि इस बार शहर में एक बड़ा ही ऐतिहासिक चातुर्मास होने जा रहा है इसलिए इसकी तैयारी भी उस हिसाब से की जा रही है। ऋषभदेव जैन मंदिर ट्रस्ट और दिव्य चातुर्मास समिति के पदाधिकारी मिलकर उच्च कोटि की व्यवस्था करने दिन-रात लगे हुए हैं। जानकारी के अनुसार दोनों संत कल बुधवार को दुर्ग से विहार करेंगे इसके बाद वैशाली नगर भिलाई , कैवल्यधाम और फिर अपने अंतिम पड़ाव की ओर उनका पद विहार होगा। दिव्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष तिलोकचंद बरड़िया, महासचिव पारस पारख व प्रशांत तालेड़ा ने बताया कि आउटडोर स्टेडियम परिसर में 10 जुलाई से प्रवचन होना है। इसके लिए पंडाल व्यवस्था समिति एवं अन्य समिति के प्रभारियों की देखरेख में पंडाल निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागर जी एवं डॉ. शांतिप्रिय सागर जी की दिव्य वाणी से जीवन जीने की कला पर आधारित कल्याणकारी प्रवचनों का श्रवण करने सर्व धर्म के श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में यहां प्रतिदिन पहुंचेंगे. इसे देखते हुए लगभग 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था के आधार पर करीब 30 हजार स्क्वेयर फीट एरिया में वाटर प्रूफ पंडाल तैयार कराया जा रहा है। इसके अलावा यहां एक वीआईपी लाउन्ज सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जैसे- पीने का पानी, टॉयलेट आदि की व्यवस्था भी रहेगी। राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागरजी 6 को वैशाली नगर, 7 को भिलाई-3 और 8 को कैवल्य धाम पधारेंगे उन्होंने बताया कि राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागरजी एवं डॉ. शांतिप्रिय सागरजी महाराज बुधवार सुबह दुर्ग से भिलाई की ओर विहार करेंगे। 6 जुलाई को वैशाली नगर, 7 जुलाई को भिलाई-3 में एक दिवसीय प्रवचन और रात्रि विश्राम के पश्चात् वे 8 जुलाई को कुम्हारी स्थित कैवल्य धाम में पधारेंगे। इसके बाद उनका पद विहार रायपुर जैन दादाबाड़ी के लिए होगा। 10 जुलाई को शहर में उनका भव्य प्रवेश आयोजित किया गया है।