‘आवास योजना का घर कर दूंगी तेरे नाम..’ सास की हत्या के लिए बहू ने दिया था ऑफर…

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में संपत्ति की लालच में एक महिला की हत्या कर दी गई। हत्या किसी और ने नहीं बल्कि मृतक महिला की बहू ने कराई थी। महिला 18 मार्च की रात से अपने घर से गायब थी। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के अनुसार पूरा मामला गरियाबंद थाना इलाके के 19 मार्च को ग्राम हाथबाय से गरभनतोरा जाने वाले जंगल में लकड़ी के जलते हुए चट्टा में एक अज्ञात महिला का जला हुआ शव मिला था। घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने थाना प्रभारी गरियाबंद को सख्त निर्देश देते हुए जल्द ही उक्त हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने का निर्देश दिया था। साथ ही टीम गठित कर मामले की जांच शुरू की गई। पुलिस को सूचना मिली कि समारी बाई यादव (60 वर्ष) नाम की महिला 18 मार्च की रात से अपने घर से गायब थी। पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए मृतिका के बेटे और बहू से पूछताछ की, जिन्होंने बताया कि अंतिम बार मृतिका को ग्राम हाथबाय के कृष्ण कुमार पात्रे के साथ देखा गया था।

पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि घटना के बाद से ही कृष्णा अपने घर से फरार था। स्पेशल टीम की मदद से पुलिस ने आरोपी कृष्ण कुमार पात्रे को रायपुर से हिरासत में लिया। पूछताछ में कृष्णा ने अपना जुर्म कबूल किया और बताया कि मृतिका की बहू लक्ष्मी यादव ने अपनी सास को मरवाने की साजिश रची थी। लक्ष्मी अपने पति के नाम से बन रहे प्रधानमंत्री आवास को कृष्णा कुमार पात्र के नाम करने की बात कर इस हत्या को अंजाम देने का लालच दिया। 18 मार्च की रात कृष्णा ने गरियाबंद स्थित आईटीएस कॉलेज के पास खेत में मृतिका को शराब लाने के बहाने बुलाया और पीछे से धक्का देकर गिरा दिया। फिर गमछे से उसका गला घोंट दिया और शव को मोटरसाइकिल से बांधकर जंगल ले जाकर आग लगा दी।पुलिस ने इस मामले में कृष्ण कुमार पात्रे (36 वर्ष) और लक्ष्मी यादव (40 वर्ष) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

आरोपी ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि मृतिका समारी बाई से आरोपी का पूर्व परिचय था। मृतिका शराब की खाली बॉटल उठाकर बेचने के साथ में रोजी-मजदूरी का काम करती थी। मृतिका की बेटे और बहु शराब पीने की आदी थे, जो काम धंधा नही करते थे। मृतिका समारी बाई की बहु लक्ष्मी बाई यादव उसको मरवाकर उसकी संपत्ति एवं उसके कमाए हुए पूरे पैसे को हथिय़ाना चाहती थी।

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