लाइफ में अगर बढ़ना है आगे, तो मोबाइल से बना लीजिए दूरी: आदित्य नारायण

रायपुर. बॉलीवुड गायक, टेलीविजन होस्ट और अभिनेता के रूप में पहचान बना चुके आदित्य नारायण का मानना है कि आज की पीढ़ी मोबाइल फोन और टैबलेट पर फालतू समय बिताकर जीवन को असफल बना रही है. समय रहते ईमानदारी से कड़ी मेहनत करें तो लक भी साथ देता है. आदित्य को सुपर-इंटेलिजेंट एआई से भविष्य में मानवता के लिए खतरा होने की आशंका है. ईश्वरीय शक्ति पर आदित्य का पूरा विश्वास है. उन्होंने ईश्वरीय शक्ति को सुपर पावर बताया, जो संसार को संचालित कर रही है. माता जानकी के मायके मिथिला के रहने वाले आदित्य ने बाल कलाकार के रूप में करियर की शुरुआत की और ‘छोटा बच्चा जान के…’ जैसे कई हिट गाने गाए हैं. आज वह बहुमुखी कलाकार के रूप में जाने जाते हैं, जो गायन के अलावा लोकप्रिय रियलिटी शो के होस्ट के रूप में भी सफल रहे हैं.

छत्तीसगढ़ की रजत जयंती पर आयोजित राज्योत्सव में परफॉर्म करने राजधानी रायपुर पहुंचे गायक आदित्य नारायण ने प्रसिद्ध गायक पिता उदित नारायण और अपने बचपन से लेकर अभी तक चुनौतीभरी यात्रा का जिक्र किया. अभी तक 16 भाषाओं में गाना गा चुके आदित्य का मानना है कि कलाकार हो या कोई और सफल इंसान बनने के लिए दुनिया के मायाजाल से निकलकर लंबे समय तक की गई मेहनत ही आपको पहचान दिला सकती है.

उन्होंने अपने पिता का जिक्र करते हुए कहा कि गायकी के क्षेत्र में उन्होंने 32 वर्षों तक तपस्या की, फिर जाकर 1981 में सफलता मिली. मेरा बैकग्राउंड भी गायकी से जुड़ा है, फिर भी आज तक हर मोड़ पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि जिंदगी की हर एक सीढ़ी चढ़ने के लिए जीवनभर मेहनत करनी पड़ेगी और कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं है. सोशल मीडिया एक ऐसा मंच बन गया है, जहां अपनी बातों को आसानी से रख सकते हैं. पैसा भी कमा सकते हैं, लेकिन सही मायने में मंच वही है, जहां ऑडियंस आपके लिए तालियां बजाएं. सोशल मीडिया पर 1 करोड़ फैन बनाना बड़ी बात नहीं है, लेकिन मंच पर खड़े होने के लिए एक कलाकार को वर्षों तपस्या और साधना करनी पड़ती है. इसलिए ऑडियंस ही असली पूंजी है.

एआई से दुनिया को है खतरा (Aditya Narayan Raipur Performance)

आदित्य का कहना है कि एआई या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से दुनिया को खतरा है. मनुष्यों ने मानव जैसी बुद्धि से काम करने के लिए मशीनों का आविष्कार किया, लेकिन आज एआई को लेकर चिंता जताई जा रही है. यदि सुपर-इंटेलिजेंट एआई मानव मूल्यों के साथ मेल नहीं खाया, तो यह मानवता के लिए एक अपरिवर्तनीय वैश्विक तबाही या यहां तक कि विलुप्त होने का कारण बन सकता है.

छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक छटाओं ने किया आकर्षित, बनाएंगे म्यूजिक एल्बम

माता कौशल्या धाम, बस्तर कलाकृति, जंगल सफारी और यहां की प्राकृतिक छटाओं ने आदित्य को अपनी ओर आकर्षित किया है. उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ को दुनियाभर में पर्यटन स्थल के लिए पहचान दिलाने के लिए 2026 में म्यूजिक एल्बम बनाने का निर्णय लिया है.

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