आईजी सुंदरराज का बड़ा संदेश, कहा- चाहे हिडमा हो, सुजाता हो, या कोई कैडर, जान बचाना है तो करे आत्मसमर्पण

जगदलपुर। चाहे सोनू हो, हिडमा हो, सुजाता हो, के रामचंद्र रेड्डी हो, बासादेवा हो, या कोई कमेटी मेंबर हो, या स्थानीय कैडर. अगर अपनी जान बचाना चाहते हैं, तो उनके पास आखिरी मौके है कि हिंसा का त्याग करें, हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें. नहीं तो बहुत जल्दी बाकी अन्य माओवादी कैडर की तरह उनका भी अंत भयानक तरीके से होगा. यह कड़ी चेतावनी बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने दी है.

जनरल सेक्रेटरी बसवराजु की धराशाई करने के बाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहे माओवादी संगठन के सीनियर, मीडिल और स्थानीय लेवल के कैडर को बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने मीडिया के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है. सीनियर माओवादी कैडर हमारे टारगेट लिस्ट में हैं. उनके पास अब एक ही विकल्प है, हिंसा का त्याग कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण करें. अन्यथा बसवराजु उर्फ बीआर दादा का जो अंत हुआ, उनका भी तय है.

बस्तर आईजी ने इसके साथ कहा कि हम बार-बार कहते हैं कि हिंसा को छोड़कर आकर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण करें. उनके पुर्नवास के लिए केंद्र और राज्य सरकार की घोषित नीति है, उसका फायदा उठाते हुए आत्मसमर्पण करें. उनका पुर्नवास के लिए हम सभी प्रकार से सहायता कर सकते हैं.

उन्होंने स्पष्ट किया कि सीनियर लेवल से लेकर स्थानीय कैडर लेवल के बहुत से लोग पुलिस के संपर्क में हैं, और अन्य सूत्रों से भी संपर्क में हैं. हम उनका स्वागत करते हैं. सीपीआई माओवादी संगठन से बहुत ही जल्द सीनियर लेवल, मीडिल लेवल और स्थानीय लेवल कैडर पर बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि 2024 और 2025 में अब तक, कुल 16 महीने में 1400 से अधिक माओवादी कैडर ने संगठन छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के उद्देश्य से आत्म समर्पण किया है, जिनके पुनर्वास के लिए हम कार्रवाई कर रहे हैं.

बसवराजु आखिरी जनरल सेक्रेटरी

सुंदरराज पी ने कहा कि बसवराजु उर्फ बीआर दादा उर्फ गगन्ना सीपीआई माओवादी का आखिरी जनरल सेक्रेटरी होगा, क्योंकि इसके बाद किसी और जनरल सेक्रेटरी की आवश्यकता नहीं होगी. यह संगठन बहुत तेजी से खात्मे की ओर अग्रसर है. उसका समाप्ति होने वाला है. इसका कोई भविष्य नहीं है. उसको महासचिव, सचिव और कोई नेतृत्व की आवश्यकता नहीं है.

उन्होंने बताया कि रमन्ना की 2019 में मौत के बाद पिछले छह साल से माओवादी संगठन द्वारा आधिकारिक तौर पर किसी को नियुक्त होने की प्रमाणित दस्तावेज नहीं मिला है. क्योंकि उनका संगठन नेतृत्वविहिन हो चुका है. उनके पास ऐसा कोई लायक कैडर नहीं बचा है, जो संगठन को आगे ले जा सकता है. सब डरा हुए हैं. और इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं. माओवादी संगठन इतिहास में बसवराजु उर्फ बीआर दादा ही आखिरी जनरल सेक्रेटरी होगा.

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