राजनांदगांव। संस्कारधानी में स्थान-स्थान पर अवैध शराब बेचे जाने की खबरें आ रहीं है। इस अपराध पर नियंत्रण पाने में पुलिस व अबकारी विभाग की कार्य प्रणाली पर भी उंगली उठने लगी है। आलम यह है कि शराब की वजह से अपराध बढ़ता जा रहा है।
आऊटर में है वैद्य शराब दुकान: बिचौलियां की चांदी
बतादें कि वर्षों पहले मदिरा दुकानें शहर के बीच हुआ करती थीं लेकिन नागरीक संगठनों के लगातार विरोध के चलते इन्हें शहर के आऊटर में कर दिया गया है। इसका नतीजा अब यह हो रहा है कि कोचियों के द्वारा लाया जाकर शहर के गली कूचों तक में खपाया जा रहा हैं। जानकार बताते है कि शराब दुकानों से कोचियों को कुछ अधिक राशिलेकर बड़ी मात्रा में शराब दे दी जाती हैं। कोचियें उस दारू को गली कूचों में अधिक दर पर बेचकर बेतहाशा मुनाफा कमाते हैं। कई मदिरा प्रेमी भी पेट्रोल की महंगाई व भीड़भाड़ से बचने के लिये शराब दुकान जाना पसंद नहीं करते। मेनिफेस्ट्रों में छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराब बंदी की घोषणा करने वाली कांग्रेस सरकार शराबबंदी पर मौन दिखाई देती है जबकि 17 दिसंबर 2021 को इन्हें सत्र संभाले पूरे 3 साल हो जायेंगे।
खबरे छनकर आ रही है कि शहर के बसंतपुर, लखोली, स्टेशनपार, चिखली, शंकरपुर, मोतीपुर, तुलसीपुर, पेंड्र जैसे श्रमिक बाहुल्य क्षेत्रों के अलावा शहर के मध्यवर्ती क्षेत्रों जैसे दुर्गा चौक, बांसपाईपारा, इंदिरा नगर, मानव मंदिर चौक, गांधी चौक, मठपारा, नया व पुरान बस स्टैण्ड, मिलचाल आदि क्षेत्रों में भी कामोबेश अवैध शराब बेची जा रही है। पुलिस व अबकारी विभाग छूटपुट ही कार्यवाही करती हैं।