लोकसभा में पेश हुआ इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025, विपक्ष का सदन से वॉकआउट…

संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण का आज (11 मार्च) दूसरा दिन है. यह सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा और इसमें कुल 16 बैठकें आयोजित की जाएंगी. इस दौरान केंद्र सरकार वक्फ सहित लगभग 36 विधेयक पेश करने की योजना बना रही है. इस सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीव्र टकराव की संभावना भी जताई जा रही है, क्योंकि विपक्षी दल मणिपुर में हाल की हिंसा, इलेक्शन वोटर ID नंबर (EPIC) में गड़बड़ी और अमेरिकी टैरिफ के मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं.

केंद्र सरकार के गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025(Immigration and Foreigners Bill 2025) प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य भारत में अवैध रूप से निवास कर रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है. इस बिल के कानून बनने पर भारत के आव्रजन और विदेशी नागरिकों से संबंधित चार पुराने कानूनों को समाप्त किया जाएगा, जिनमें फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 और इमिग्रेशन एक्ट 2000 शामिल हैं. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.

यह विधेयक भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विदेशी नागरिकों के प्रवेश और निवास को सख्त नियमों के अधीन लाने का प्रस्ताव करता है. इसमें यह प्रावधान है कि यदि किसी व्यक्ति की उपस्थिति देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनती है या वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से नागरिकता प्राप्त करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसके अतिरिक्त, यदि किसी विदेशी नागरिक के प्रवेश से भारत के अन्य देशों के साथ संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, तो उसे देश में प्रवेश से रोका जा सकता है.

इस प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, आव्रजन अधिकारी का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा. पहले से ही सरकार को विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश से रोकने का अधिकार प्राप्त था, लेकिन इस प्रावधान का किसी कानून में स्पष्ट उल्लेख नहीं था. अब यह विधेयक इस प्रक्रिया को और अधिक स्पष्ट और प्रभावी बनाने का प्रयास करेगा.

इस बिल में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति बिना वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे पांच वर्ष की कारावास या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है. इसके अतिरिक्त, यदि कोई व्यक्ति जाली दस्तावेजों का उपयोग करता है या धोखाधड़ी से पासपोर्ट प्राप्त करता है, तो उसके लिए दो से सात वर्ष तक की कैद का प्रावधान है. ऐसे मामलों में न्यूनतम 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

भारत में वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं. ऐसे व्यक्तियों को तीन वर्ष तक की जेल और 3 लाख रुपये तक के आर्थिक दंड का सामना करना पड़ सकता है.

सरकार इस विधेयक को भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानती है. इसके माध्यम से उन विदेशी नागरिकों पर नियंत्रण स्थापित किया जाएगा, जो नकली दस्तावेजों के आधार पर भारत में अवैध रूप से निवास कर रहे हैं या सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरा उत्पन्न कर सकते हैं. इस विधेयक पर संसद में चर्चा के पश्चात इसे कानून में परिवर्तित करने की प्रक्रिया आरंभ होगी.

मणिपुर का बजट पेश होगा

इस सत्र में मणिपुर का बजट प्रस्तुत किया जाएगा. वर्तमान में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है, इसलिए यह बजट राज्य विधानसभा के बजाय संसद में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को प्रस्तुत करेंगी. इसके साथ ही, गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के लिए संसद में एक वैधानिक प्रस्ताव भी पेश करेंगे.

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