1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन में अलग हुए थे दो भाई, 74 साल बाद फिर मिले तो कुछ ऐसा था सीन

1947 में भारत-पाक विभाजन के बाद से त्रासदी, प्रेम, अलगाव और एकता के कई किस्से सामने आए हैं और ऐसी ही एक दिल को छू लेने वाली कहानी है दो भाइयों की. पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत से जोड़ने वाले करतारपुर कॉरिडोर ने 74 साल के अंतराल के बाद दो भाइयों को फिर से जोड़ा है. 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान दोनों भाई अलग हो गए थे.

भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान अलग हुए दो भाई

एक मार्मिक घटना में, 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान अलग हुए दो भाई करतारपुर में 74 साल बाद फिर से मिले. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे देखकर लोगों के आंखों में आंसू आ गए. दोनों भाई अपनी इमोशन पर काबू नहीं रख पाए और एक-दूसरे को गले लगाकर रो पड़े. अपने पुरानी यादों को याद करके वे न सिर्फ खुश हुए बल्कि अपने अलगाव के बारे में भी लोगों के बताया. इस दौरान दोनों भाई काफी देर तक इमोशनल व खुश दिखाई दिए.

 

बचपन में बिछड़े दो भाई 74 साल बाद मिले

द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पाकिस्तान के फैसलाबाद के रहने वाले मोहम्मद सिद्दीकी ने बड़े भाई हबीब से मुलाकात की, जो भारत में पंजाब के फूलनवाल इलाके से करतारपुर कॉरिडोर के जरिए करतारपुर पहुंचे. विभाजन के समय मोहम्मद सिद्दीकी एक नवजात शिशु था जब उसका परिवार टूट गया और उसका बड़ा भाई हबीब विभाजन रेखा के भारतीय पक्ष में बड़ा हुआ. मुलाकात के दौरान हबीब ने करतारपुर की पहल की सराहना करते हुए कहा कि गलियारे ने उन्हें अपने भाई के साथ फिर से जुड़ने में मदद की.

दोनों भाइयों ने भारत-पाक सरकारों को धन्यवाद दिया

दोनों भाइयों ने करतारपुर कॉरिडोर के जरिए भारत से पाकिस्तान के लिए वीजा-मुक्त यात्रा खोलने के लिए दोनों देशों की सरकार को धन्यवाद दिया. करतारपुर कॉरिडोर भारत के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक साहिब के सिख मंदिर को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ता है. कॉरिडोर 2019 में चालू हो गया था.

 

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