राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशानुसार तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय व शासकीय जिला चिकित्सालय के सहयोग से जिला न्यायालय एडीआर परिसर राजनांदगांव में जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार द्वारा प्राथमिक चिकित्सा क्लीनिक का शुभारंभ किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि प्राथमिक चिकित्सा क्लीनिक के माध्यम से न्यायालयीन कार्यों में शामिल सभी व्यक्तियों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किया जाएगा। यह क्लीनिक एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करेगा और जरूरत पडऩे पर चिकित्सा सहायता प्रदान करेगा। प्राथमिक चिकित्सा क्लीनिक का मुख्य उद्देश्य जिला न्यायालय में आने वाले पक्षकारों, अधिवक्ताओं, कर्मचारियों एवं अन्य आगन्तुकों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना है। प्राथमिक चिकित्सा क्लीनिक आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति से सुसज्जित है। यहां प्रशिक्षित चिकित्सा व नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध है, जो परिसर में आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता पडऩे पर सहायक सिद्ध होगी। क्लीनिक न्यायालय के प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संचालित होगी।
इस अवसर पर जिला न्यायालय के न्यायाधीश विनीता वार्नर, न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, थॉमस एक्का, विशेष न्यायाधीश, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक के गुप्ता, प्रथम, सिद्धार्थ अग्रवाल, अभिषेक शर्मा, देवाशीष ठाकुर, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भावना नायक ठाकुर, रूचि मिश्रा, आशीष भगत, अंजली सिंह, जिला चिकित्सालय के अधिकारीगण अशोक बंसोड़ जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी, डॉ. लव पांडे चिकित्सा अधिकारी, डॉ. प्रवीश शर्मा, डॉ. राजन भागवत, अनिता साहू स्टॉफ नर्स एवं न्यायालयीन स्टॉफ सुदीप कुमार नाग न्यायालय अधीक्षक, राजेश पाण्डे, न्यायालय उपाधीक्षक, अजय सोनी कोर्ट मैनेजर राजनांदगांव, योगेश दुरगकर, चीफ लीगल एड डिफेंस कौंसिल, महेश देवांगन, प्रवीण मल्ल, डिप्टी लीगल एड डिफेंस कौंसिल, महेन्द्र सिंह ठाकुर, मुकेश अहिरवार, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस कौंसिल एवं अन्य अधिवक्तागण एवं पैरालीगल वालिंटियर्स उपस्थित थे।