कोलकाता। बीते 11 जनवरी की दोपहर से गुरुवार की सुबह तक चले मैराथन छापे और तलाशी अभियान के बाद, आयकर विभाग ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक जाकिर हुसैन के आवास, फैक्ट्री और चावल मिल से 11 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। आयकर विभाग के सूत्रों ने कहा कि 15 करोड़ रुपये में से 9 करोड़ रुपये उनके आवास से बरामद किए गए, जबकि शेष 2 करोड़ रुपये एक बीड़ी (स्थानीय भारतीय धूम्रपान स्टिक) फैक्ट्री और दो बार के तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल कैबिनेट के पूर्व सदस्य हुसैन के स्वामित्व वाली एक चावल मिल से बरामद किए गए हैं।
आयकर विभाग के अधिकारियों ने केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ मैराथन छापेमारी तलाशी अभियान चलाया। हालांकि नकद वसूली पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए, हुसैन ने संचालन के तरीके पर आपत्ति जताई। हुसैन ने कहा, “मुझे उनके मेरे परिसर में आने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन संचालन का तरीका अलग हो सकता था। मैं कोई ब्रांडेड अपराधी नहीं हूं। मैं एक व्यापारी होने के साथ-साथ एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी हूं। यह मुझे परेशान करने और सार्वजनिक रूप से मेरी छवि खराब करने के अलावा और कुछ नहीं है। मैं पिछले 23 वर्षों से नियमित और ईमानदार करदाता हूं।”
इस बीच, भारी मात्रा में नकदी के अलावा आयकर विभाग ने जिन जगहों पर छापेमारी की, वहां से कई कागज और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज भी जब्त किए। उन्होंने नकद रिकवरी के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी सूचित कर दिया है। इस छापे को लेकर राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के आवास से बेहिसाब नकदी की बरामदगी कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा, “करोड़ों रूपए के शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी सहयोगी के आवास से पहले भी हमने इसी तरह की नकदी की वसूली देखी है। पश्चिम बंगाल की पूरी सत्ताधारी पार्टी गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।”