भारत के घरेलू कोयला उत्पादन ने पिछले 10 महीनों में 16 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है. नतीजतन, अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के दौरान कोयले का उत्पादन 698.25 मिलियन टन तक पहुंच गया है. कैप्टिव/वाणिज्यिक खदानों के उत्पादन में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कोयला मंत्रालय ने 2025 तक 1.31 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
पिछले 3 साल में सर्वाधिक कोयला उत्पादन
पिछले कुछ वर्षों के दौरान घरेलू कोयले का उत्पादन बढ़ा है. कोयले का उत्पादन 2019-20 में 730.87 मीट्रिक टन (मिलियन टन) से बढ़कर 2021-22 में 6.47 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 778.19 मिलियन टन हो गया है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 में कोयले के उत्पादन में और वृद्धि हुई है. देश के कुल कोयला उत्पादन में अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक 698.25 मीट्रिक टन के उत्पादन के साथ 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
10 महीने में कोल इंडिया का उत्पादन 15 फीसदी बढ़ा
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) का खुद का उत्पादन भी पिछले 10 महीनों के दौरान 478.12 मीट्रिक टन से लगभग 15.23 प्रतिशत बढ़कर 550.93 मीट्रिक टन हो गया है. कोयले के उत्पादन में वृद्धि से बिजली की खपत में लगातार वृद्धि के कारण कोयले की मांग में तेजी को रोकने में मदद मिली है.
2025 के लिए 1.31 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य
कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 1.31 अरब टन का लक्ष्य रखा है और इसी तरह वित्त वर्ष 30 तक 1.5 अरब टन तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है. मंत्रालय नई कोयला खदानें शुरू करने और वर्तमान में चालू खदानों में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा कर रहा है. अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से उत्पादन में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान यह 17.31 मीट्रिक टन थी.