बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के चांटीडीह इलाके में डायरिया (diarrhea) का कहर जारी है. वहीं अब इसका प्रकोप बिल्हा और मस्तूरी क्षेत्र में भी फैल गया है. इस बीमारी का बच्चे और बुजुर्ग ज्यादा शिकार हो रहे हैं. ऐसे में उन्हें खास सावधानी बरतने की जरूरत है. बिलासपुर जिले में डायरिया की वजह से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं करीब 200 मरीजों का इलाज चल रहा है.
शहर के बाद अब डायरिया का प्रकोप जिले के कई इलाकों में फैलने लगा है. शहर के चांटीडीह में डायरिया का प्रकोप चल रहा है. जहां 4 की मौत हो चुकी है और अब तक 400 के करीब मरीज मिल चुके हैं. वहीं बिल्हा निवासी परमेश्वरी बाई की भी डायरिया से मौत हो गई थी. मस्तूरी क्षेत्र के मानिकचौरी और कोकड़ी गांव में करीब 150 डायरिया पीड़ित मरीज मिले हैं. इन इलाकों में स्वास्थ्य विभाग शिविर लगाकर मरीजों की जांच करने में जुटा है. डायरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो रहे हैं, डॉक्टरों के मुताबिक बारिश के सीजन में बच्चों को बीमारियों से बचाव के लिए खास सावधानी को जरूरत है.
डायरिया के लक्षण
लगातार पतला दस्त होना
पेट में दर्द और मरोड़ रहना
पेट में सूजन के साथ ही मितली
प्यास लगना, वजन घटना, बुखार
कुछ केस में मल के साथ खून आना
लगातार उल्टी होना, डिहाइड्रेशन
डायरिया के प्रकार
डायरिया को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है जिसमें एक्यूट डायरिया, परसिस्टेंट डायरिया और क्रोनिक डायरिया शामिल हैं. डायरिया का सबसे बड़ा कारण एक वायरस है जो आंतों पर बुरा प्रभाव डालता है. इसे वायरल गैस्ट्रो एंड्राइड व आंतों का फ्लू भी कहते हैं. हालांकि, डायरिया के दूसरे भी कारण हो सकते हैं जैसे कि-
- इंफेक्शन होना
- खान-पान में एहतियात न बरतना
- किसी दवा का साइड इफेक्ट्स होना
- खान-पान की चीजों के प्रति एलर्जी होना
- वायरल इंफेक्शन होना
- रेडिएशन थेरेपी कराना
- फूड पोइजनिंग होना
- गंदगी के कारण
- इन सभी कारकों पर ध्यान देकर डायरिया के खतरे को कम किया जा सकता है.
डायरिया की रोकथाम करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- शुद्ध पानी पीएं
- अच्छी तरह पका हुआ खाना खाएं
- ताजा पके हुए गर्म खाने का सेवन करें
- कच्चे भोजन का सेवन करने से बचें
- चाय, कॉफी, सोडा, चॉकलेट आदि के सेवन से बचें
- बार-बार हाथ धोएं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
- बचे हुए खाने को तुरंत फ्रिज में रख दें
- इन सबके अलावा, डायरिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श कर उचित इलाज कराएं.