ओमिक्रोन का बढ़ता खतरा: महाराष्‍ट्र में फिर बंद हो सकते हैं स्‍कूल, शिक्षा मंत्री ने दिया संकेत

महाराष्ट्र में राज्य की स्कूल शिक्षा मंत्री प्रो वर्षा गायकवाड़ ने राज्य में ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर मामले बढ़ते रहे तो सरकार स्कूलों को फिर से बंद करने का फैसला ले सकती है।

नई दिल्ली। देश भर में ओमिक्रोन के बढ़ते केसेज के बीच स्कूलों पर फिर संकट आ गया है। इस साल मार्च में आई महामारी कोरोना-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बाद ही शैक्षणिक संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से खोला गया था। लेकिन अब जैसे-जैसे देश भर में कोविड के नया वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ फैल रहा है, इसके बाद से एक बार फिर स्कूलों पर बंदी का ऐलान हो सकता है। इसके संकेत हाल ही में महाराष्ट्र में राज्य की स्कूल शिक्षा मंत्री प्रो वर्षा गायकवाड़ ( Maharashtra, state Education Minister for School,Varsha Gaikwad) ने दिए हैं। उन्होंने राज्य में ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर मामले बढ़ते रहे तो सरकार स्कूलों को फिर से बंद करने का फैसला ले सकती है।

फिलहाल देश भर में ओमिक्रॉन के 213 मामले हैं। इनमें से कुल केस महाराष्ट्र में 54 हैं। वहीं देश की राजधानी दिल्ली 57 हैं। इस स्थिति पर जवाब देते हुए गायकवाड़ ने एएनआई से कहा, “हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वहीं अगर मामले बढ़ते रहे, तो हम स्कूलों को फिर से बंद करने का निर्णय ले सकते हैं। बता दें कि मुंबई में अभी हाल ही में, 16 दिसंबर से प्राथमिक कक्षा के छात्रों को स्कूल खोलने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, फिलहाल इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।वहीं, इसी बीच महाराष्ट्र एसएससी, एचएससी बोर्ड परीक्षा 2022 की डेट शीट भी जारी कर दी गई है। इसके अनुसार 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं मार्च और अप्रैल में आयोजित की जाएगी। अब ऐसे में अगर केसेज बढ़ते हैं तो एक बार फिर परीक्षा कराना मुश्किल हो जाएगा।

वहीं, अगर अन्य राज्यों में ओमिक्रॉन की स्थिति को देखें तो कर्नाटक में ओमिक्रॉन के 19, राजस्थान में 18, केरल में 15, गुजरात में 14, जम्मू-कश्मीर में 3, ओडिशा में 2, उत्तर प्रदेश में 2, आंध्र प्रदेश में 1, चंडीगढ़ में 1, लद्दाख में 1, तमिलाडु में 1 और पश्चिम बंगाल में भी 1 मरीज मिला है। गौरतलब है कि देश और विदेशों दोनों में ही कोरोना के नए वेरिएंट मामलों की चिंताजनक वृद्धि ने सरकारों की मुश्किलें बढ़ा दी है।

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