जूडो की अनिश्चितकालीन हड़ताल;हॉस्पीटल के सामने धरना प्रदर्शन जारी

मरीजों की जान पर बन आई;कंसल्टेड डॉक्टर व नर्स जैसे तैसे संभाल रहे वार्डों को

राजनांदगांव। पड़ोसी राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टरों का मानदेय बहुत कम है। यहां लगभग उनके बराबर मानदेय दिये जायें। इस मांग को लेकर अपने प्रदेश संगठन के आह्वान पर मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल के भी जूनियर डॉक्टर्स अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गये हैं। इसी मांग को लेकर उन्होंने परसों काली पट्टी बांधकर काम किया भी। शासन द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने के कारण कल से उन्हें हड़ताल धरना-प्रदर्शन के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। बताया गया कि जूड़ो की बेमियादी हड़ताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में हो रही है। मेडिकल हॉस्पीटल परिसर में पोर्च के नीचे और गेट के सामने बड़ी संख्या में आंदोलन रत डॉ. विद्यासागर चौबे स्नातक,डॉ.नीलिमा कोरेटी(स्नातकोत्तर) व डॉ. मनोज यादव इंटर्नशिप सहित और भी डॉक्टरों ने अपने आंदोलन के कारण की सविस्तार जानकारी दी।

बताया गया कि पूर्व में शासन ने आश्वासन बस दिया था कि मानदेय बढ़ायेंगे,लेकिन नहीं बढ़ाया गया। अब स्टाफ की कमी के चलते मरीजों की देखभाल कंसल्टेंड डॉक्टरों व नर्सां के ही भरोसे है। आगे जानकारी दी गई कि पीजी रेजिडेंट 22,इंटर्नशिप 125 सीनियर रेजिडेंट 11, जूनियर रेसिडेंट करीब 100,समस्त एमबीबीएस 750 डॉक्टर हैं। जो साढ़े पांच साल तक एमबीबीएस कोर्स किये और फिर एक साल तक इंटर्नशिप। उस दौरान मानदेय 420 रूपये रोज के हिसाब से 12600 रूपये महीना मिलते है और रोज बारह क्या चौबीसों घंटे भी सेवायें देते रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुकाबले दूसरे राज्यों में 20000 रूपये महीना है। जो पीजी स्नातक रहे है,साल का कोर्स कर रहे हैं उन्हें छत्तीसगढ़ में 53000 रूपये,56000 रूपये और 59000रूपये है जबकि अन्य राज्यों में नब्बे हजार,एक लाख,एक लाख दस हजार रूपये इस तरह है। यहां छ.ग. में जो स्नातक कर चुके हैं उनकी सैलरी 59000 रूपये से घटाकर 54000 रूपये महीना दे रहे हैं। जूड़ो की एक सूत्रीय मांग मानदेय बढ़ाने की ही है।

स्वास्थ्य मंत्री,मुख्यमंत्री को पिछले तीन माह से पत्र देते आ रहे है। फिर भी सैलरी नहीं बढ़ाई जा रही है। मरीजों की सेवा होती रहे यह सोचकरके परसों काली पट्टी बांधकर काम किया। फिर भी ध्यान नहीं दिया गया तब कल से उन्हें अनिश्चित कालीन काम बंद हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा और यह आंदोलन मांग पूरी होते तक या संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों के आगामी आदेश तक जारी रहेगा।

error: Content is protected !!