ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर गए प्रधान ने ऑस्ट्रेलियाई संस्थानों को भारत में अपने कैंपस स्थापित करने की संभावनाओं को तलाशने का आग्रह किया है। इस दौरान प्रधान ने भारतीय छात्रों के वीजा संबंधी दिक्कतों पर बात की।
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष जेसन क्लेयर के साथ कौशल विकास, अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत बनाने पर चर्चा की। ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर गए प्रधान ने ऑस्ट्रेलियाई संस्थानों को भारत में अपने कैंपस स्थापित करने की संभावनाओं को तलाशने का आग्रह किया है। इस दौरान प्रधान ने भारतीय छात्रों के वीजा संबंधी दिक्कतों पर बात की। खास बात यह है कि भारत और आस्ट्रेलिया आयुर्वेद, योग, कृषि आदि क्षेत्रों में मिलकर शोध, कौशल प्रमाणन आदि पर काम करेंगे।
शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया -भारत शिक्षा परिषद (एआईईसी) की छठी बैठक की सह-अध्यक्षता करते हुए धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि एआईईसी संबंधों को आगे बढ़ाने और शिक्षा, कौशल विकास और अनुसंधान की प्राथमिकताओं में कार्य संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत प्रभावी मंच है। उन्होंने आयुर्वेद, योग, कृषि जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अनुसंधान सहयोग बढ़ाने तथा कौशल प्रमाणन और खनन, लॉजिस्टिक (साजो-समान) प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने डिजिटल विश्वविद्यालय और गति शक्ति विश्वविद्यालय स्थापित किए हैं, जिसके लिए दोनों देश पाठ्यक्रम और अन्य पहलुओं को विकसित करने के उद्देश्य से मिलकर काम कर सकते हैं।
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया जाने वाले भारतीय छात्रों के वीजा के लंबित मामलों का मुद्दा भी उठाया। इस पर ऑस्ट्रेलिया के मंत्री जेसन क्लेयर ने वीजा के लंबित मामलों में सहयोग करने और तेजी लाने का आश्वासन दिया है। प्रधान ने इस बात को दोहराया कि भारत ज्ञान सेतु का निर्माण करने और परस्पर प्रगति और समृद्धि के लिए शिक्षा, कौशल और अनुसंधान में ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।