‘जीत की दहलीज पर जाकर भारत ने अपनी हार चुनी’, पाकिस्तान के साथ सीजफायर के फैसले पर एक्सपर्ट ने उठाए सवाल

Geopolitical Expert Brahma Chellaney On India-Pakistan ceasefire: 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले उसके बाद 6 मई 2025 को भारत सेना द्वारा पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक के बाद जारी तनाव अब कम होने लगा है। शनिवार को भारत-पाकिस्तान सीजफायर (ceasefire) करने के तैयार हुए। हालांकि सीजफायर की घोषणा ने रक्षा विशेषज्ञों (Defense Experts) साथ ही भारत की जनता को भी चौंका दिया है। मोदी सरकार के इस फैसले से देश की जनता के साथ ही रक्षा विशेषज्ञ भी मायूस हैं। रक्षा विशेषज्ञ सरकार के इस फैसले को जीत की दहलीज पर जाकर, हार चुनने वाला फैसला करार दे रहा है।

मोदी सरकार के इस फैसले पर मशहूर जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत जीत की दहलीज पर था, लेकिन अंत में मन मसोस कर रह गया।

चेलानी ने युद्धविराम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भारत इतिहास से सीखने में विफल रहा है। सिर्फ पिछली रणनीतिक गलतियों को दोहरा रहा है। चेलानी ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ‘सैन्य गतिविधि भारत के पक्ष में थी। पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा पाकिस्तान की अपेक्षा से कहीं अधिक कमजोर साबित हुई। वे भारत में बहुत सारे ड्रोन और मिसाइल भेज रहे थे, लेकिन प्रभावी रूप से नहीं। दूसरी ओर भारत ने सीमित संख्या में मिसाइल और ड्रोन भेजे और अपने लक्ष्यों को भेदने में सक्षम रहा।

ब्रम्हा चेलानी ने सैन्य रूप से स्पष्ट बढ़त रखने के बावजूद भारत के तनाव कम करने के निर्णय के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘यह जीत के मुंह से हार छीनने की भारत की पुरानी राजनीतिक स्थिति को रेखांकित करता है। उन्होंने आश्चर्य होते हुए कहा कि भारत ने तनाव कम करने का फैसला क्यों किया।

जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट ने कहा, ‘जीत के मुंह से हार छीनना एक दोहराव वाला पैटर्न बन गया है। यही कारण है कि भारत इतिहास को दोहराता रहता है। हम इतिहास से कभी नहीं सीखते। इसलिए इतिहास खुद को दोहराता है।

‘इतिहास अच्छे नजरिए से नहीं देखेगा’

चेलानी ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर में 26 हत्याओं का बदला लेने का एक शक्तिशाली प्रतीक था और फिर भी आज जिस तरह से हमने पाकिस्तान द्वारा दिल्ली पर मिसाइल दागे जाने के बाद इस ऑपरेशन को समाप्त किया, उससे कई सवालों के जवाब नहीं मिले। चेलानी ने कहा, ‘इतिहास आज भारत के निर्णय को अच्छी तरह से नहीं देखेगा। एक्सपर्ट ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समापन को रणनीतिक और प्रतीकात्मक चूक बताया, जो जवाब से अधिक सवाल उठाती है। यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान द्वारा दो दिनों की हड़ताल और जवाबी हमलों के बाद युद्ध विराम पर सहमत होने की घोषणा के बाद आई है।

भारत ने चलाया था ऑपरेशन सिंदूर

बता दें कि भारत के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा 22 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। भारत ने पाकिस्तान के किसी भी आम नागरिक और सैन्य बेस पर हमला नहीं किया था, सिर्फ आतंकवादियों के अड्डों को ध्वस्त किया था। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के कई अफसर आतंकवादियों के जनाजे में भी शामिल हुए थे।

पाकिस्तान ने आम भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया। उसने जम्मू, जैसलमेर और पठानकोट में ड्रोन भेजे। भारतीय सेना ने भी मुंह तोड़ जवाब दिया है। लाहौर, पेशावर, सरगोधा और सियालकोट समेत पाकिस्तान के कई इलाकों में भारतीय सेना की कार्रवाई से भारी तबाही मची है।

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