नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को कहा कि इस महीने पाकिस्तान के साथ हुए युद्धविराम के लिए अमेरिका से हुई बातचीत में टैरिफ का मुद्दा चर्चा का हिस्सा नहीं था. विदेश मंत्रालय की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे वक्त में सामने आई है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की एक संघीय अदालत को बताया कि टैरिफ की धमकी ने अमेरिका को भारत और पाकिस्तान के बीच तीन दिनों की लड़ाई के बाद संघर्षविराम कराने में मदद की. ट्रंप प्रशासन के इस दावे को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इस विशेष मुद्दे पर भारत का विरोध साफ है… 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू हो से लेकर 10 मई को समाप्त होने तक भारत और अमेरिका के बीच बातचीत होती रही. चर्चा के दौरान टैरिफ का मुद्दा कभी नहीं उठा.’
दरअसल, न्यूयॉर्क की संघीय अदालत में दुनिया के लगभग सभी देशों पर ट्रंप प्रशासन की तरफ से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने का मामला चल रहा है. बुधवार को कोर्ट ने अपने फैसले में ट्रंप प्रशासन के लिबरेशन डे टैरिफ को अवैध बताते हुए उस पर रोक लगा दी थी.
इस दौरान कोर्ट में ट्रंप के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि टैरिफ की मदद से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम कराने में मदद मिली. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने दोनों देशों को ट्रेड का ऑफर दिया जिससे एक पूर्ण युद्धविराम की स्थिति बनी. हालांकि, भारत ने ट्रंप प्रशासन के इस नए दावे को खारिज कर दिया है.
पाकिस्तान के पीएम शाहबाज़ शरीफ़ की तरफ़ से बार बार बातचीत की पेशकश से जुड़े सवाल पर @MEAIndia
“पाकिस्तान से बातचीत को लेकर हमारा रुख़ साफ़ है।
पाकिस्तान से बातचीत होगी तो द्विपक्षीय ही होगी, आतंकियों को सौंपे जाने पर होगी, पीओके की वापसी पर होगी, जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है वो… pic.twitter.com/EXAojeVZwL— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 29, 2025