नई दिल्ली: भारत ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद गेहूं की एक बड़ी खेप मिस्र को भेजी है. मिस्र के अनुरोध के बाद भारत की तरफ से 61,500 टन गेहूं मिस्र को भेजा गया है. गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भारत की तरफ से ये किसी देश को दी गई सबसे बड़ी खेप है. मिस्र की तरह ही करीब 12 देशों ने भारत से अनुरोध किया है कि वो उन्हें गेहूं का निर्यात करे. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुतबिक, पूरे मामले से अवगत एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए ये जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कम से कम एक दर्जन देश ऐसे हैं जो भारत से गेहूं के लिए राजनयिक स्तर पर अनुरोध कर रहे हैं.
मिस्र को जितना गेहूं निर्यात किया जाना था, कस्टम ने उसमें से 17,160 टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी. अधिकारी ने बताया कि भारत की तरफ से निर्यात पर प्रतिबंध प्रभावी होने से पहले ही मिस्र को भेजे जा रहे शिपमेंट के लिए क्रेडिट गारंटी सहित अनिवार्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं. मिस्र को भारत की तरफ से गेहूं की शिपमेंट मेरा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कर रहा है. प्रतिबंध के प्रभावी होने के बाद गेहूं की इस खेप के लिए शिप को कस्टम क्लीयरेंस दिया गया. ये खेप 17 मई को गुजरात के कांडला बंदरगाह से निकल गई थी.
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक भारत ने 13 मई को कहा कि वो अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है. हालांकि, भारत ने ये जरूर कहा था कि वो खाद्य संकट झेल रहे उन देशों की मदद करेगा जो उनसे मदद की मांग करेंगे. भारत ने ये भी कहा कि प्रतिबंध से पहले जिन देशों के साथ गेहूं निर्यात को लेकर सौदा किया गया है, उन देशों को भी भारत गेहूं निर्यात करेगा. वहीं, मिस्र को गेहूं भेजे जाने की जानकारी देने वाले अधिकारी ने कहा कि भारत विदेशों से प्राप्त हो रहे गेहूं के अनुरोध पर विचार करेगा. ये देश गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारी जल्द ही अनुरोधों की समीक्षा करने के लिए चर्चा करने वाले हैं. हालांकि, अधिकारी ने ये नहीं बताया कि विदेश मंत्रालय को किन देशों से गेहूं के अनुरोध मिल रहे हैं.
भारत सरकार के अनुमानों के अनुसार, भारत में लगातार पांच वर्षों के रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन के बाद पहली बार इसमें गिरावट देखने को मिल रही है. फरवरी में अनुमान लगाया गया कि उत्पादन 11.1 करोड़ टन होगा लेकिन उत्पादन 10.5 करोड़ टन ही है. यानी उत्पादन में कम से कम 5.7% की गिरावट आई है. अप्रैल 2022 में, देश के व्यापारियों ने उच्च वैश्विक मांग और बढ़ी हुई कीमतों का लाभ उठाने के लिए विदेशों में 14 लाख टन गेहूं की बिक्री की. भारत ने वित्त वर्ष में मार्च तक रिकॉर्ड 78 लाख 50 हजार टन निर्यात किया, जो एक साल पहले की तुलना में 275% अधिक है.