नई दिल्ली. दुनिया के तीन बड़े नेता आगामी कुछ दिनों में भारत दौरे पर आने वाले हैं. इनमें सबसे पहले 25-26 फरवरी को जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ भारत आएंगे, इसके बाद 2 मार्च को इटली की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भारत का दौरा करेंगी और फिर ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज भारत के अपने पहले दौरे पर 8 मार्च को नई दिल्ली पहुंचेंगे.
दिसंबर 2021 में जर्मनी के चांसलर का पद संभालने के बाद स्कोल्ज़ की यह पहली भारत यात्रा होगी, जिसमें वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने पिछले दिनों जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के भारत दौरे की जानकारी दी थी, जिसमें वह पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा था, ‘प्रधानमंत्री मोदी दो बार जर्मनी का दौरा कर चुके हैं, इसलिए ओलाफ ने भारत आने का फैसला किया है. इस दौरान हम कई मुद्दों पर उनसे बातचीत करेंगे.’
इटली की पीएम का भारत दौरा
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के बाद इटली की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी 2 मार्च को नई दिल्ली आएंगी. पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मेलोनी की यह पहली भारत यात्रा होगी. इस यात्रा में मेलोनी अपने भारतीय समकक्ष पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगी. माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों राष्ट्र व्यापार और रक्षा संबंधों को मजबूत करने के अलावा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सहित अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत करेंगे.
ऑस्ट्रेलियाई पीएम आएंगे दिल्ली
इसके बाद 8 मार्च को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज अपने पहले भारत दौरे पर आएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. पिछले साल के अंत में इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात हुई थी. इसी दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने अपनी भारत यात्रा का ऐलान करते हुए कहा था, ‘मैं मार्च में भारत दौरे पर आऊंगा. हम एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल को भारत ले जाएंगे और यह एक महत्वपूर्ण यात्रा होगी और हमारे दो देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा.’
G-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक
इन राष्ट्राध्यक्षों के अलावा भारत की अध्यक्षता में G-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भी 1- 2 मार्च को दिल्ली में होगी. इस बैठक में रूस, अमेरिका, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन सहित G-20 के सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे और भारत की अध्यक्षता में G-20 से जुड़े एजेंडे पर चर्चा करेंगे.