नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध को आज 18वां दिन है. इस बीच भारत ने रूस और यूक्रेन से राष्ट्पति से कई बार बात की. इस मामले में भारत ने तटस्थ भूमिका निभाई है. रूस-यूक्रेन विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की सुरक्षा तैयारियों और मौजूदा वैश्विक परिदृश्य की समीक्षा के लिए एक हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं. मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई बड़े नेता और अधिकारी शामिल रहे.
पहले भी कर चुके हैं बैठकें
जब से रूस ने यूक्रेन पर अपना सैन्य हमला शुरू किया है, तब से प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्रियों और सीनियर अधिकारियों के साथ कई उच्च-स्तरीय बैठकें कर चुके हैं. भारत ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम से विशाल अभियान शुरू किया है. इन बैठकों में इस ऑपरेशन को लेकर विस्तार से बातचीत हुई है.
ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को लाए वापस
उत्तर-पूर्वी यूक्रेन में युद्ध प्रभावित शहर सूमी अब तक 674 छात्रों को वापस लाया गया है. वहीं यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान के दो दिन बाद शुरू किये गए ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान के तहत अब तक करीब 18 हजार भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है. सरकार लगातार यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को वापस ला रही है.
पुतिन और जेलेस्की से की फोन पर बात
पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन विवाद के बीच दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों से बात चीत भी की. मोदी ने दोनों नेताओ से रक्तपात और विनाश को समाप्त करने के लिए वार्ता और कूटनीति की वापसी की अपील की है. पीएम मोदी ने रूस के युद्धविराम की घोषणा और सूमी सहित यूक्रेन के कुछ हिस्सों में मानवीय कोरिडोर बनाने की सराहना की. इसके अलावा पीएम ने सूमी से भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के महत्व पर जोर दिया. जिसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने भारतीय को सही सलामत निकालने का भरोसा दिलाया.