केंद्रीय परिवहन और सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि अमेरिकी की सड़कें इसलिए अच्छी नहीं हैं, क्योंकि अमेरिका अमीर है. अमेरिका अमीर है, क्योंकि अमेरिकी सड़कें अच्छी हैं. भारत को समृद्ध बनाने के लिए, मैं सुनिश्चित करता हूं कि दिसंबर 2024 से पहले भारत का सड़क ढांचा अमेरिका जैसा होगा. सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने और सड़क आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिये 62 हजार करोड़ रूपये की परियोजना पर काम चल रहा है.
लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने राष्ट्रीय राजधानी में लगने वाले जाम का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार से उन्हें और अन्य लोगों को पहले यहां हवाई अड्डा जाने और वहां से आने के क्रम में धौलाकुआं में यातायात जाम का सामना करना पड़ता था.
उन्होंने कहा कि हम प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं और विभाग दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिये 62 हजार करोड़ रूपये खर्च कर रहा है, जिसमें शहर के बाहर रिंग रोड एवं अन्य सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. सड़क सम्पर्क में बेहतरी को रेखांकित करते हुए गडकरी ने कहा कि अब दिल्ली से मेरठ जाने में सिर्फ 40 मिनट लगते हैं जबकि पहले चार घंटे लगते थे.
उन्होंने कहा कि हमारा मकसद निर्माण की लागत को कम करना है और गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. उन्होंने कहा कि अब प्रतिदिन 38 किलोमीटर की दर से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है जो एक रिकार्ड है. उन्होंने यह भी साफ किया कि इस मामले में सड़क की लंबाई उसी तरह मापी जाती है जिस तरह संप्रग सरकार के समय किया जाता था.
गडकरी ने कहा कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या लॉजिस्टिक लागत है, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल के दाम फिर बढ़ गये हैं और इसके कारण चीजों की कीमत भी बढ़ रही हैं. मंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक की लागत चीन में 8 से 10 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका एवं यूरोपीय देशों में यह 12 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि कम दूरी के मार्ग बनने से कोई ट्रक अगर दिल्ली से मुंबई 50 घंटे की जगह 22 घंटे में पहुंचेगा, तो इससे समय बचेगा और डीजल बचेगा.
गडकरी ने कहा कि यात्रा में कम समय लगने से पेट्रोल बचता है और प्रदूषण भी कम होता है. गडकरी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए निर्यात बढ़ाना होगा और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनना होगा और लॉजिस्टिक लागत कम करनी होगी.’’ उन्होंने कहा कि इस दिशा में ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे से जाम कम होगा, लॉजिस्टिक लागत कम होगी और ईंधन बचेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे 22 ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे बन रहे हैं.