इंदौर। ‘मैं उस लड़की से बहुत परेशान हो गया था। उसने मेरे साथ बहुत गलत किया।उसने मुझसे खूब खर्चा करवाया और बाद में पता चला वह तो दूसरों से भी ऐसे करवाती है। मैं उससे सारे रिश्ते खत्म करना चाहता था लेकिन वह मुझे छोड़ती ही नहीं थी। वह मुझसे अक्सर पैसे भी मांगती रहती थी। मैं तो उसकी गाड़ी की सीट जलाने गया था लेकिन वहां खड़ी सारी गाड़ियों में आग लग गई और मुझसे बहुत बड़ा कांड हो गया।’ यह कबूलनामा सात लोगों की मौत के गुनाहगार संजय उर्फ शुभम देवेंद्र दीक्षित का है।
निरंजनपुर में रहने वाले संजय ने शनिवार तड़के स्वर्णबाग कालोनी में इंसाफ पटेल के उस मकान में आग लगा दी थी जिसमें 7 परिवार के 16 सदस्य किराये से रहते थे।संजय का उस मकान में रहने वाली एक युवती से प्रेम प्रसंग था। दोनों के शारीरिक संबंध भी बन गए थे लेकिन युवती चंदननगर में रहने वाले युवक से रिश्ता तय हो गया। इस बात पर दोनों में विवाद शुरू हो गए और संजय स्वर्णबाग कालोनी से मकान खाली कर निरंजनपुर रहने चला गया। शनिवार को उसने युवती से बदला लेने कि नियत से उसके स्कूटर को आग लगाई और वहां रखी 14 दो व चार पहिया वाहन जल गए।आग और धुएं के कारण इश्वर सिसोदिया, नीतू सिसोदिया, आकांक्षा, समीरसिंह सहित 7 लोगों की मौत हो गई।
पुलिस ने संजय को निरंजनपुर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस से बच कर भागने के चक्कर में उसके हाथ पैर टूट गए। देर रात उसे एमवाय अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। संजय ने नईदुनिया को बताया कि उसने उसी गाड़ी से पेट्रोल निकाला जिससे वह स्वर्णबाग कालोनी आया था। लड़की की गाड़ी की सीट में आग लगाई और भाग गया। मैं उस लड़की से सारे रिश्ते खत्म करना चाहता था। वह बार बार पैसे मांगती थी। कभी ये दिला दो कभी वो दिला दो। बाद में पता चला वह तो दूसरों से भी ऐसा करती है। आग लगाने के बाद लड़की ने काल कर बताया था कि किसी ने मल्टी में आग लगा दी। दिन में दोस्त ने बताया की टीवी पर न्यूज आ रही है। मैंने कहा बहुत बड़ा कांड कर दिया मैंने। मुझे कुछ समझ में भी नहीं आया। मैं तो खुद सरेंडर करना चाहता था। दोस्त से बात भी कर ली थी। सात बेगुनाहों को हमेशा के लिए नींद में सुलाने वाले संजय को हाथ पैर में लगी चोंट का एहसास हो रहा था लेकिन उन लोगों की जरा भी चिंता नहीं थी जो उसके कारण मौत की गोद में सो गए थे।
दिल्ली नरसंहार में भी भूमिका जांच रही क्राइम ब्रांच
संजय को क्राइम ब्रांच ने ही गिरफ्तार किया है। उसके बारे में जानकारी मिली है कि संजय दिल्ली में भी इसी तरह का नरसंहार कांड कर चुका है। वह द्वारकानाका इलाके में रहता था। बताते है यहां भी उसने एक इमारत में आग लगा तक 11 लोगों को मारा था। टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक संजय ने दिल्ली में दो महीने रुकना स्वीकारा है लेकिन घटना से इन्कार कर रहा है। पुलिस इसकी भी तस्दीक कर रही है।
इंदौर। ‘मैं उस लड़की से बहुत परेशान हो गया था। उसने मेरे साथ बहुत गलत किया।उसने मुझसे खूब खर्चा करवाया और बाद में पता चला वह तो दूसरों से भी ऐसे करवाती है। मैं उससे सारे रिश्ते खत्म करना चाहता था लेकिन वह मुझे छोड़ती ही नहीं थी। वह मुझसे अक्सर पैसे भी मांगती रहती थी। मैं तो उसकी गाड़ी की सीट जलाने गया था लेकिन वहां खड़ी सारी गाड़ियों में आग लग गई और मुझसे बहुत बड़ा कांड हो गया।’ यह कबूलनामा सात लोगों की मौत के गुनाहगार संजय उर्फ शुभम देवेंद्र दीक्षित का है।
निरंजनपुर में रहने वाले संजय ने शनिवार तड़के स्वर्णबाग कालोनी में इंसाफ पटेल के उस मकान में आग लगा दी थी जिसमें 7 परिवार के 16 सदस्य किराये से रहते थे।संजय का उस मकान में रहने वाली एक युवती से प्रेम प्रसंग था। दोनों के शारीरिक संबंध भी बन गए थे लेकिन युवती चंदननगर में रहने वाले युवक से रिश्ता तय हो गया। इस बात पर दोनों में विवाद शुरू हो गए और संजय स्वर्णबाग कालोनी से मकान खाली कर निरंजनपुर रहने चला गया। शनिवार को उसने युवती से बदला लेने कि नियत से उसके स्कूटर को आग लगाई और वहां रखी 14 दो व चार पहिया वाहन जल गए।आग और धुएं के कारण इश्वर सिसोदिया, नीतू सिसोदिया, आकांक्षा, समीरसिंह सहित 7 लोगों की मौत हो गई।
पुलिस ने संजय को निरंजनपुर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस से बच कर भागने के चक्कर में उसके हाथ पैर टूट गए। देर रात उसे एमवाय अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। संजय ने नईदुनिया को बताया कि उसने उसी गाड़ी से पेट्रोल निकाला जिससे वह स्वर्णबाग कालोनी आया था। लड़की की गाड़ी की सीट में आग लगाई और भाग गया। मैं उस लड़की से सारे रिश्ते खत्म करना चाहता था। वह बार बार पैसे मांगती थी। कभी ये दिला दो कभी वो दिला दो। बाद में पता चला वह तो दूसरों से भी ऐसा करती है। आग लगाने के बाद लड़की ने काल कर बताया था कि किसी ने मल्टी में आग लगा दी। दिन में दोस्त ने बताया की टीवी पर न्यूज आ रही है। मैंने कहा बहुत बड़ा कांड कर दिया मैंने। मुझे कुछ समझ में भी नहीं आया। मैं तो खुद सरेंडर करना चाहता था। दोस्त से बात भी कर ली थी। सात बेगुनाहों को हमेशा के लिए नींद में सुलाने वाले संजय को हाथ पैर में लगी चोंट का एहसास हो रहा था लेकिन उन लोगों की जरा भी चिंता नहीं थी जो उसके कारण मौत की गोद में सो गए थे।
दिल्ली नरसंहार में भी भूमिका जांच रही क्राइम ब्रांच
संजय को क्राइम ब्रांच ने ही गिरफ्तार किया है। उसके बारे में जानकारी मिली है कि संजय दिल्ली में भी इसी तरह का नरसंहार कांड कर चुका है। वह द्वारकानाका इलाके में रहता था। बताते है यहां भी उसने एक इमारत में आग लगा तक 11 लोगों को मारा था। टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक संजय ने दिल्ली में दो महीने रुकना स्वीकारा है लेकिन घटना से इन्कार कर रहा है। पुलिस इसकी भी तस्दीक कर रही है।