इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) में मई महीने में महंगाई (Inflation Rate) रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई और आम लोगों की बदहाली काफी बढ़ गई है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में मई में वार्षिक मुद्रास्फीति दर बढ़कर रिकॉर्ड 37.97 फीसदी पर पहुंच गई. फिलहाल इस समय पाकिस्तान एक बड़े आर्थिक और राजनीतिक संकट (Pakistan political crisis) से जूझ रहा है. पाकिस्तान विदेशी कर्ज के बोझ, स्थानीय मुद्रा के कमजोर होने और विदेशी मुद्रा भंडार के कम होने जैसे संकट से घिरता जा रहा है. महंगाई और आर्थिक बदहाली के मामले में पाकिस्तान ने श्रीलंका को भी पीछे छोड़ दिया है. मई 2023 में पाकिस्तान में महंगाई की दर 38 फीसदी पर पहुंच गई, जो एशिया में सबसे ज्यादा है. श्रीलंका में महंगाई दर घटकर फिलहाल 25.2 फीसदी पर आ गई है.
इस तरह देखा जाए तो पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत भारत में मुद्रास्फीति की दर 4.7 फीसदी है, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति सिर्फ 3.8 प्रतिशत है. मई में पाकिस्तान में खाद्य मुद्रास्फीति 48.7 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 48.1 प्रतिशत थी. पाकिस्तान में आर्थिक संकट के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ शरीफ सरकार का टकराव बढ़ता जा रहा है. आईएमएफ मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर ने इसके बारे में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पाकिस्तान में मौजूदा राजनीतिक संकट को संविधान और कानून के शासन के दायरे में सुलझा लिया जाएगा.
इसके बाद आईएमएफ के साथ पाकिस्तान सरकार की बातचीत और भी बिगड़ हो गई है. इस बयान की पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आलोचना की. उन्होंने पोर्टर के बयान को पाकिस्तान के राजनीतिक मामलों में दखल देने के बराबर बताया. मंत्री आसिफ ने पाकिस्तान को जरूरी 1.1 अरब डॉलर का कर्ज देने के बजाय पाकिस्तान की घरेलू राजनीति पर टिप्पणी करने के लिए पोर्टर पर नाराजगी जताई. मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तानी की शरीफ सरकार को लगता है कि अगर इस महीने आईएमएफ बोर्ड की बैठक नहीं होने के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ने पर चीन जैसे देश उसकी मदद करने के लिए आगे आ जाएंगे. पाकिस्तान में 9 मई के संकट के बाद से ध्रुवीकरण साफ दिखाई देने लगा है और ज्यादा गहरा है.