प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रेजुएशन डिग्री से संबंधित जानकारी का खुलासा करने के केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को चुनौती दी थी. CIC ने 2016 में दायर एक RTI याचिका के आधार पर दिल्ली यूनिवर्सिटी को पीएम मोदी की ग्रेजुएशन डिग्री से संबंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था.
इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के जज सचिन दत्ता ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) प्रधानमंत्री मोदी की स्नातक की डिग्री का विवरण प्रकट करने के लिए बाध्य नहीं है। DU की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि CIC का आदेश रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि “निजता का अधिकार”, “जानने के अधिकार” से ऊपर है।
क्या है पूरा मामला ?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा था कि विश्वविद्यालय मोदी की डिग्री से संबंधित अपना रिकॉर्ड कोर्ट को दिखाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत अजनबियों द्वारा जांच के लिए इसका खुलासा नहीं कर सकते। बता दें कि नीरज नाम के एक व्यक्ति RTI आवेदन दायर कर DU से प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री मांगी थी, जिसकी CIC ने मंजूरी दे दी थी। इसके बाद DU कोर्ट गया था।

