कोरोना वायरस के चलते मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ की पहल

राजनांदगांव। मानव सेवा व जनकल्याण के लिए समर्पित अंचल की सेवाभावी संस्था बर्फानी सेवाश्रम समिति ने वर्तमान में देश के साथ ही विश्व के अनेक राष्ट्रों में पैर पसार चुकी कोरोना वायरस को देखते हुए संस्था ने केन्द्र व राज्य सरकारें तथा जिला प्रशासन के निर्देशों व अपील के तहत 7 अक्टूबर से प्रारंभ हुए क्वांर नवरात्रि पर्व को सादगी से मनाने का निर्णय लिया था। जिसके तहत संस्था ने सिद्धपीठ में दर्शनार्थियों से शासन व प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपेक्षा की है। वहीं अब महाष्टमी हवन व ज्योति कलश विसर्जन भी आयोजन समिति के सदस्यों के द्वारा किया जाएगा। श्रद्धालुओं से घर पर ही पूजा पाठ करने की अपेक्षा की है।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि संस्था द्वारा संचालित गर्भगृह में विराजमान मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव-शक्ति सिद्धपीठ में शारदीय नवरात्र 7 अक्टूबर से प्रारंभ हो गई है। देश में फैले कोरोना वायरस के चलते इस महामारी से बचाव हेतु शासन व प्रशासन स्तर पर जनहानि से बचाने समय-समय पर दिशा-निर्देश व आदेश दिए जा रहे और आमजन से इसका पालन करने की अपेक्षा की गई है। जिसे देखते हुए संस्था ने सिद्धपीठ परिसर में श्रद्धालुओं को दिशा निदेर्शों का पालन करने का आग्रह किया है। शारदीय नवरात्र के अवसर पर सिद्धपीठ में पूजा अर्चना व ज्योति कलश प्रज्जवलन सदस्यों व आचार्यों द्वारा किया गया है यहां 1797 ज्योति कलश प्रज्जवलित है। कल 10 अक्टूबर को पंचमी के अवसर पर विशालकाय मां पाताल भैरवी, मां काली, गणेश जी महाराज, मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या, पातालेश्वर महादेव, शिव शंकर भोले भण्डारी द्वादश ज्योतिर्लिंग, हनुमान जी महाराज, भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया।
संस्था ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि महाष्टमी हवन 13 अक्टूबर व ज्योति कलश विसर्जन 14 अक्टूबर पर मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ के सदस्यों के द्वारा महा अष्टमी हवन एवं ज्योति कलश विसर्जन किया जाएगा। इस आयोजन में श्रद्धालुओं की सहभागिता कोरोना गाईड लाईन के तहत होगी। महा अष्टमी हवन में कोरोना महामारी वायरस से सभी देशवासी व मानव जाति सुरक्षित व स्वस्थ रहे व यह संकट जल्द ही समाप्त हो ऐसी माता व देवी देवताओं, ग्रह-नक्षत्रों से कामना की जाएगी। वहीं दुर्गा नवमीं के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा प्रज्जवलित ज्योतिकलशों का विसर्जन मंत्रोच्चार के मध्य विधि विधान से गंगाजल अर्पित कर किया जाएगा। इसके लिए भी श्रद्धालु बर्फानी आश्रम न पहुंचे। अपने परिवार व देश की सलामती के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
संस्था ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए दुर्गा नवमीं में होने वाले कुंवारी कन्या भोजन व सार्वजनिक भंडारा प्रसादी कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है और श्रद्धालुओं को विश्वास दिलाया है कि हम समस्त देशवासी कोरोना को हराकर देश को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में अपना योगदान देंगे।

शरद पूर्णिमा पर नहीं बंटेगी जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसाद
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में पिछले 22 वर्षों से आयोजित किए जाने वाले शरद पूर्णिमा महोत्सव पर इस बार 20 अक्टूबर को स्वांस दमा व अस्था पीड़ितों को जड़ी बुटी युक्त खीर प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा। इस हेतु कोई भी पीड़ितजन मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ न पहुंचे।

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