जैसा कि ज्ञात हो, Meta कंपनी के लिए ये दिन कुछ खास नहीं चल रहे हैं और अब एक नई मुसीबत सामने खड़ी हो गई है। गौरतलब हो कि बीते साल फेसबुक (Facebook) ने अपनी पैरेंट कंपनी का नाम बदलकर उसे मेटा करने का फैसला लिया था और उसके बाद से ही कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने कहा है कि वह चाहते हैं कि दुनिया उनकी कंपनी को मेटावर्स के रूप में जाने, न केवल फेसबुक के रूप में। हालांकि ऐसा नहीं है और दुनिया कंपनी के नए नाम को पसंद नहीं कर रही है। Meta नाम दिए जाने के बाद Facebook कई विवादों और सुर्खियों में हैं।
Facebook और Instagram हो सकता है बंद
जानकारी के लिए आपको बता दें कि मेटा (Meta) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अगर उसे यूरोपीय यूजर्स के डेटा को दूसरे देशों के साथ शेयर करने की परमिशन नहीं दी गई तो उसे अपनी सेवाएं को बंद करना पड़ सकता है। मेटा ने कहा है कि यूजर्स के डेटा को शेयर न करने से उसकी सेवाएं प्रभावित होती हैं। दरअसल बता दें कि Facebook अपने यूजर्स को विज्ञापन यूजर डेटा के आधार पर ही दिखाती है।
पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) ने सीधे तौर पर बताया है कि वह 2022 की नई शर्तों को स्वीकार करेगी, लेकिन अगर डेटा ट्रांसफर की सुविधा नहीं दी जाती है तो उसे फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) को बंद करना पड़ सकता है। मेटा ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को बताया है कि जब तक जल्द से जल्द सेवा के लिए एक नया ढांचा तैयार नहीं किया जाता है, तब तक उसे यूरोप में यूजर्स के लिए अपनी सेवाओं को बंद करना होगा। वहीं यूरोपीय संघ के कानून के मुताबिक, यूजर्स का डेटा यूरोप में नहीं होना चाहिए, जबकि Meta यूजर्स के डेटा को शेयर करने की अनुमति मांगता है। जुकरबर्ग चाहते हैं कि यूरोप के यूजर्स का डेटा यूएस सर्वर पर भी स्टोर किया जाए, लेकिन अब देखा जाएगा कि इसमें क्या होता है और क्या मेटा को इसकी परमिशन मिलती है या नहीं।
हाल ही गिरे थे Facebook के डेली यूजर्स
ज्ञात हो कि पिछले हफ्ते 18 साल में पहली बार डेली यूजर्स की संख्या गिरी थी और उससे फेसबुक को लगभग 2 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। जबकि अब टिक टॉक और युट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म भी फेसबुक को कड़ी टक्कर देते आ रहे हैं।