जगदलपुर। बीमारी छिपाने का दावा कर स्वास्थ्य बीमा की क्षतिपूर्ति राशि का प्रस्ताव खारिज करना एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी काे भारी पड़ गया। कंपनी जिला उपभोक्ता आयोग में अपनी बात साबित नहीं कर सकी। आयोग ने इस प्रकरण में बीमा कंपनी को आवेदक को पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति और 10 हजार रुपये जुर्माना भरने का निर्णय सुनाया है। आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल, सदस्य आलोक कुमार दुबे और सीमा गोलछा की संयुक्त खंडपीठ ने आदेश जारी किया।
आयोग ने यह भी कहा कि बीमाकर्ता को संभावित जोखिमों का आकंलन करना होता है। बीमाकर्ता पहले से मौजूद बीमारी का आरोप लगाकर मेडिक्लेम को अस्वीकार नहीं कर सकता है।
जहां बीमा पॉलिसी आवश्यक मेडिकल रिकार्ड पर विचार करने के बाद जारी की गई थी और आमतौर पर बीमा कंपनी का अधिकृत डॉक्टर फिटनेस का आकलन करने के लिए बीमा धारक की जांच करता है और पूर्ण संतुष्टि के बाद ही बीमा पॉलिसी जारी की जाती है। इसे हेतु बीमा कंपनी को 10 हज़ार रु के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।