प्लेन में फोन फ्लाइट मोड में रखना है जरुरी?
प्लेन में आपने भी अनाउंसमेंट सुनी होगी कि फोन को सफर के दौरान स्विच ऑफ या फ्लाइट मोड में कर दें. हालांकि, कई लोग इस गाइडलाइन को नहीं मानते हैं. ऐसे में क्या प्लेन सफर के दौरान फोन का फ्लाइट मोड में ना होना किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है? इसका सीधा जवाब है- नहीं. लेकिन, सेफ्टी परपस से इसका इस्तेमाल जरूरी है. फोन सिग्नल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस कर सकती है जो सेफ्टी के लिए खतरा बन सकता है. ये रेडिया अल्टीमीटर में भी डिस्टरबेंस काउज कर सकता है. लेकिन ऐसा दो चार मोबाइल के ऑन होने से नहीं होता है. मोबाइल फोन के ऑन होने से हादसे की संभावना कम होती है.
क्या हो सकता है वजह?
वही, 5G का दावा भी सही नहीं लगता है, क्योंकि हवाई उड़ान के लिए 5G C-बैंड नेटवर्क को खतरनाक माना जाता है. हालांकि नेपाल में 5G C-बैंड को फिलहाल रोलआउट नहीं किया गया है. Forbes की रिपोर्ट के मुताबिक 5G के C-बैंड से एयरक्राफ्ट का रेडियो अल्टीमीटर इंजन और इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम पर असर डाल सकता है, जिससे प्लेन क्रैश होने की संभावना बन सकती है.
विमान हादसों की जांच करने वाले एक विशेषज्ञ ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हादसे के कथित वीडियो में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होकर नदी घाटी में गिरने से पहले इसके अगले हिस्से को ऊपर की तरफ उठते और फिर पंखों को बाईं तरफ झुकते देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि वीडियो से स्पष्ट है कि हादसे के समय आसमान साफ था और मौसम खराब नहीं था. ऐसे में दुर्घटना के पीछे की वास्तविक वजह विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ सकेगी. विशेषज्ञ ने बताया कि इस विमान हादसे के लिए मानवीय भूल, विमान प्रणाली में खराबी या पायलट की थकान जिम्मेदार हो सकती है.