नई दिल्ली. देश के सभी नागिरकों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड (Aadhaar Card) के इस्तेमाल को लेकर अहम सलाह दी है. UIDAI ने शुक्रवार को लोगों से कहा कि वे विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने के लिए समझदारी से आधार कार्ड का उपयोग करें, और उसी स्तर की सावधानी बरतें जो अन्य किसी अहम पहचान प्रमाण पत्र को शेयर करते समय बरती जाती है.
UIDAI ने एक बयान में कहा “किसी भी विश्वसनीय संस्था के साथ आधार नंबर या कार्ड शेयर करते समय, उसी स्तर की सावधानी बरती जा सकती है, जो मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या या पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, पैन, राशन कार्ड, आदि जैसे किसी अन्य दस्तावेज को साझा करते समय करते हैं.”
डिजिटल आईडी से करें सत्यापन
इसमें कहा गया है कि आधार निवासियों की डिजिटल आईडी है और यह नागरिकों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पहचान सत्यापन के एकल स्रोत के रूप में काम करता है. निवासी इलेक्ट्रॉनिक रूप से या ऑफलाइन सत्यापन के माध्यम से अपनी पहचान प्रमाण-पत्रों को सत्यापित और मान्य करने के लिए अपने आधार नंबर का उपयोग कर सकते हैं.
जहां भी कोई निवासी अपना आधार नंबर साझा नहीं करना चाहता है, यूआईडीएआई वर्चुअल पहचानकर्ता (VID) जनरेट करने की सुविधा प्रदान करता है. कोई भी आसानी से आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या myaadhaar पोर्टल के माध्यम से वीआईडी जेनरेट कर सकता है और आधार संख्या के स्थान पर प्रमाणीकरण के लिए इसका उपयोग कर सकता है.
नागरिकों के पास बायोमेट्रिक लॉकिंग का भी विकल्प
UIDAI आधार लॉकिंग के साथ-साथ बायोमेट्रिक लॉकिंग की सुविधा भी प्रदान करता है. यदि किसी निवासी के कुछ समय के लिए आधार का उपयोग करने की संभावना नहीं है, तो वह ऐसी समयावधि के लिए आधार या बायोमेट्रिक्स को लॉक कर सकता है. आवश्यकता पड़ने पर इसे आसानी से और तुरंत अनलॉक किया जा सकता है.
यूआईडीएआई आधार संख्या धारक को सुरक्षित, सुचारू और त्वरित प्रमाणीकरण अनुभव सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी रूप से उन्नत पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है. बता दें कि कई सरकारी और अन्य जरूरी कामों में आधार कार्ड के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर UIDAI पहले भी लोगों को सही और समझदारी से इसके उपयोग की सलाह दे चुका है.
इससे पहले UIDAI ने कहा था कि पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर दिए गए किसी भी आधार कार्ड, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड और एम-आधार की वास्तविकता स्थापित करने के लिए व्यक्ति को आधार संख्या को सत्यापित करना होगा. क्योंकि यूआईडीएआई इस रुख पर जोर देता है कि कोई भी 12-अंकीय संख्या आधार नहीं है.