कथा में कहा- ‘एक दिन सबको जाना है’, अगले ही दिन कथावाचक का साइलेंट अटैक से निधन..

राजगढ़। राजगढ़ जिले के ब्यावरा में कथा कर रहे इंदौर के कथाचाक पंडित राकेश व्यास का साइलेंट हार्ट अटैक से निधन हो गया। भवंरगंज मित्र मंडल के तत्वाधान में शहर के राजगढ़ रोड स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में चल रही थी। दो दिन की कथा करने के बाद मंगलवार की रात में उन्हें साइलेंट अटैक आया और हृदय गति रुक जाने से उनकी मौत हो गई।

समिति द्वारा उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार पं. राकेश व्यास (51) (इंदौर वाले) की मौत हृदय गति रुकने से हो गई। सुबह जब कथा के आयोजक चाय देने के लिए गए तो वे उठ ही नहीं पाए।

इंदौर के पास उनके गृह गांव बावल्या खुर्द में अंत्येष्टि कर की गई। बता दें, कि दो दिन की कथा के बाद मंगलवार रात करीब दो बजे तक वे बात करते रहे। इसके बाद सोए तो उठे ही नहीं। डॉक्टरों का कहना है कि नींद में ही उन्हें अटैक आ गया था।

लोगों को लगा, रात को देर से सोए थे इसलिए नहीं उठे

आयोजनकर्ता सुबह चाय के लिए उठाने पहुंचे तो वे नहीं उठ पाए। इस पर सभी ने सोचा कि रात को देर से सोए थे इसलिए नहीं उठ रहे होंगे। 31 मार्च से शुरू हुई कथा 6 अप्रैल तक होने वाली थी। दो दिनों से कथा वाचक पं. राकेश व्यास भक्तों को भगवान शिव की महिमा सुना रहे थे।

कथा में कहा था राजा हो या फकीर, एक दिन सभी को जाना है

जानकारी के मुताबिक कथावाचक पंडित राकेश व्यास ने कथा में कहा था कि जिंदगी रंज-ओ-गम का मेला है, कल मैं रहूं या ना रहूं, तुम रहो या ना रहो, कथा का श्रवण कर लीजिए, राजा हो या फकीर एक दिन सभी को इस संसार से जाना है।

घटना के बाद कथा स्थल पर पसर गया सन्नाटा

कथावाचक के निधन के बाद कथा स्थल पर सन्नाटा पसर गया है। यहां शोक का माहौल पसर गया है। इधर कथावाचक के निधन के बाद उनके परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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