रायपुर. साहू समाज की 29 वर्षीया मनीषा साहू जैन साध्वी बनने जा रही है. छत्तीसगढ़ में संभवतः पहली बार ऐसा होगा, जब साहू समाज की युवती जैन समाज के सिद्धांतों को मानते हुए संयम पथ पर बढ़ते हुए दीक्षा लेने जा रही है.
मूलतः धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक के ग्राम सांकरा की रहने वाली मनीषा 28 नवंबर को रायपुर के जैन दादाबाड़ी में आचार्य विजयराज सागर की निश्रा में दीक्षा ग्रहण करेंगी. उन्होंने 2 साल पहले जैन संयम पथ पर जाने की इच्छा जताई थी, बचपन से ही वे धार्मिक स्वभाव की रही है.
मनीषा साहू नगरी ब्लॉक के छोटे से गांव सांकरा के निवासी मिथलेश साहू की बेटी है. लॉकडाउन के दौरान वे दुर्ग में रहकर डी फार्मा की पढाई की. सालभर पहले मनीषा के लिये रिश्ता आया तो उन्होंने ये कहते हुए रिश्ता ठुकरा दिया कि अब वे सांसारिक जीवन मे नहीं रहना चाहती.
कोरोना काल में साध्वियों के संपर्क में आई
मुमुक्षु मनीषा साहू के पिता मिथिलेश साहू राइस मिलर हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को बचपन से ही धार्मिक कार्यों में रुचि थी. वो काफी देर तक पूजा-पाठ भी करती थी, लेकिन सबसे ज्यादा बदलाव उसमें कोरोना महामारी के दौरान आया. इसी दौरान वो जैन साध्वियों के संपर्क में आई और उनकी बातों से प्रभावित हुई. इसके बाद उसने 2 साल पहले ही अपने माता-पिता के सामने साध्वी बनकर वैराग्य का मार्ग चुनने का मन बनाया था.
साध्वी बनने के लिए ठुकरा दिया रिश्ता
पता ने कहा कि पहले परिवार वालों ने बेटी मनीषा को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन अब उसकी खुशी और संतुष्टि के लिए वे भी इसके लिए मान गए हैं. उन्होंने कहा कि सालभर पहले बेटी मनीषा साहू की शादी के लिए रिश्ता भी आया था, लेकिन उसने ठुकरा दिया. उसने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेते हुए साध्वी बनने की इच्छा बता दी.