पंचतत्व में विलीन हुए जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज,पूरे देश में शोक की लहर

राजनांदगांव: जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी पर्वत पर पंचतत्व में विलीन हो गए. इससे पहले उन्होंने रविवार सुबह ढाई बजे सल्लेखना के बाद अंतिम सांस ली. जैन धर्म में सल्लेखना एक धार्मिक प्रथा है. जिसमें आध्यात्मिक शुद्धि के लिए खुद की इच्छा से आमरण उपवास किया जाता है. जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के देवलोक गमन पर पूरे देश में शोक की लहर है.

अंतिम दर्शन को पहुंचे भक्त: विश्व विख्यात जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज एक महान विभूति थे. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के देवलोक गमन के बाद जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई है. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधि स्थल डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी पर्वत पर बनाया जाएगा. यहां पूरे जिले ही नहीं देश के अलग-अलग राज्यों से जैन समुदाय के लोग पहुंचते हैं. रविवार को हजारों की तादाद में लोग यहां आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का अंतिम दर्शन कर रहे हैं.

अंत समय में त्यागा अन्न जल: इस बारे में पद्मश्री डॉक्टर पुखराज बाफना ने बताया कि, “आचार्य श्री विद्यासागर जी का जीवन सात्विक रहा है. वह एक महान विभूति थे और पूरे समाज के लिए उन्होंने योगदान दिया. वह सात्विक जीवन जीते थे और अंग्रेजी दवाइयों से कोसों दूर रहते थे. पूरे विश्व में जितने जैन समुदाय के लोग हैं, उनके लिए एक परमात्मा की तरह पूजनीय थे. आज वह हमारे बीच नहीं रहे. उनका जीवन सरल रहा है. जीवन के आखिरी क्षण तक शक्कर, नमक, मिर्च, मसाले और अंग्रेजी दवाइयां इन सभी का त्याग करके उन्होंने रखा था. उनके जैसी विरल विभूति नहीं मिलेगी. वह अपने आप में एक महान हस्ती थे. उनका जाना जैन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है.”

आचार्य श्री विद्यासागर जी का ब्रह्मलीन होना अपूरणीय क्षति: पीएम मोदी ने एक्स पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज को अपनी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा कि “आचार्य श्री 108 विधासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे. उन्होंने पूरी जिंदगी गरीबी को मिटाने के खिलाफ लड़ाई लड़ी. इसके अलावा उन्होंने समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी. तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था. समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा”

गृह मंत्री अमित शाह ने विद्यासागर महाराज को दी श्रद्धांजलि: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आचार्य विद्यासागर जी महाराज के बह्मलीन होने को समाज के लिए बड़ी क्षति बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि” महान संत परमपूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जैसे महापुरुष का ब्रह्मलीन होना, देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने अपनी अंतिम साँस तक सिर्फ मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी. मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि ऐसे युगमनीषी का मुझे सान्निध्य, स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा”

सीएम विष्णुदेव साय ने किया नमन: छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर भावपूर्ण संदेश लिखा और आचार्य विद्यासागर जी को नमन किया. उन्होंने लिखा कि” विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ.छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा.आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन.” इसके साथ ही सीएम साय ने छत्तीसगढ़ में आधे दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.

आपको बता दें कि डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी स्थित पर्वत पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जैन मुनि का समाधि स्थल बनाया जाएगा.हजारों की संख्या में जैन समुदाय के लोग रविवार को डोंगरगढ़ पहुंचे हैं. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का अंतिम दर्शन कर रहे हैं. हजारों की संख्या में जैन समाज के लोग, जैन अनुयायी, जैन आचार्य और गुरु यहां मौजूद रहे. इसके साथ ही गणमान्य नागरिक भी भारी संख्या में आचार्य विद्यासागर जी महाराज के दर्शन के लिए पहुंचे हुए हैं.

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