‘जाको राखे साईंया मार सके ना कोय’, कुत्तों ने रखा नवजात बच्ची का ख्याल, ठुठरती रात में दी गर्माहट

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी में एक नवजात बच्ची कुत्तों के पिल्लों के बीच लावारिस हालत में पड़ी मिली। जानवरों के बीच रहने के बावजूद भी मासूम नवजात पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित है। पूरी घटना लोरमी के सारिसताल गांव की है। गांव में ही एक पैरावट में कुत्तों के बीच एक नवजात बच्ची रोती बिलखती मिली, जिसे जब घर के लोगों ने देखा तो उनके होश उड़ गए। इसके बाद घर के सदस्य भैयालाल साहू तुरंत इसकी सूचना गांव के सरपंच को दी। सरपंच ने बिना देरी किए बच्ची को लेकर अस्पताल रवाना हुए। मामले की जानकारी के बाद पुलिस भी अस्पताल पहुंची। प्रारंभिक उपचार के बाद बच्ची को जिला अस्पताल भेजा गया।

कुत्तों ने की मासूम की रक्षा

ग्रामीणों का कहना है कि ‘जाको राखे साईंया मार सके ना कोय’, क्योंकि जिस तरह ठंड में मासूम रात भर इन जानवरों के बीच रही ये कोई चमत्कार से कम नहीं है। ये जानवर नवजात मासूम को नुकसान पहुंचा सकते थे लेकिन ये सभी उसकी रक्षा करते रहे। कुत्ते के छोटे बच्चे एक दूसरे पर लिपट कर या दुबक कर सोते हैं इससे उन्हें गर्माहट मिलती है, बच्ची को भी पिल्लों ने ऐसे ही दुबकाकर अपने करीब रखा, इसी गर्माहट से खुले आसमान के नीचे ओस बरसती रात में बिना किसी कपड़े के बच्ची सुरक्षित रही। कुत्तों ने बच्ची को जीभ से चाटकर साफ भी किया।

वहीं मामले के जांच में जुटी लोरमी पुलिस के जांच अधिकारी चिंताराम बिझवार ने बताया कि लावारिस मासूम बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि नवजात को जन्म लिए 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए है। बच्ची को इलाज के लिए ये जिला अस्पताल में रखा गया है।

डाक्टरों के अनुसार, बच्ची की हालत सामान्य है और वह पूरी तरह स्वस्थ है। इसके साथ ही लोरमी पुलिस अब ये पता लगाने में जुटी है कि आखिर किसने किस परिस्थिति में मासूम को इस कदर जानवरों के हवाले कर दिया।

बच्ची के इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस के सीनियर IPS अफसर स्पेशल डीजी आरके विज ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा कि- इस बच्ची के मां-बाप को खोजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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