राजनांदगांव। बीते 26 मार्च को प्रार्थी चौकी आकर सूचना दिये कि भाई शेष नारायण वर्मा का किसी ने गला, कान में गंभीर चोट पहुंचाकर प्राण घातक हमला कर हत्या कर दिया है कि सूचना पर मौके पर जाकर देखें तो शेष नारायण वर्मा निवासी कोपे नवागांव मनोज वर्मा के घर बीच रास्ते के किनारे जहां लोग कूड़ा करकट डालते वहां पर मृत अवस्था में पड़ा था। अपराध की गंभीरता को देखते हुए मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा डीएसपी नवीन एक्का, थाना प्रभारी सी आर. चंद्रा, एफएसएल टीम व डॉग स्कॉर्ट की टीम मौके पर पहुंचकर चौकी प्रभारी मोहारा प्रमोद श्रीवास्तव को विवेचना के निर्देश दिये। विवेचना दौरान संदेही बेटा से पूछताछ करने पर पताचला कि पूर्व से पिता शेष नारायण मारपीट विवाद करता था एक बार मेरी मां को भी तलवार फेंककर मारा था। होली के दिन भी मामा लालचंद जब घर आया था तब शराब पीने की बात को लेकर वाद विवाद किया और मामा लालचंद को छोड़कर आता हू फिर तुम लोगों का मजा चखाउंगा कहते हुए चला गया। जिससे पुत्र डोमेश कुमार वर्मा द्वारा पिता की बार-बार धमकी से गुस्सा होकर आरोपी पुत्र अपने पिता को हत्या करने के लिए अपने ही घर में रखा हुआ टंगिया लेकर मनोज किराना के सामने तलाब पुल में छिपकर इंतजार करता रहा जैसे ही रात्रि 08ः30-09ः00 बजे उसका पिता शेष नारायण वापस आया तो अपने पास रखे टंगिया से गला में प्राण घातक हमला किया जो मृतक मौका पर गिर जाने पर 4-5 बार पुनः टंगिया से गला, कान, हाथ में मारकर हत्या कर दिया। घटना के बाद से आरोपी पुत्र डोमेश वर्मा पूछताछ व पुलिस से बचने के लिये हार्ट अटैक का बहाना कर अस्पताल में भर्ती हो गया था। घटना में प्रयुक्त टंगिया में लगे होली का रंग व आरोपी के हाथ में लगे रंग एवं चोंट से प्रथम दृष्टिया ही आरोपी के उपर पुलिस को शक हो गया था, पर आरोपी के अस्पताल में भर्ती होने का नाटक करने से पुलिस को पूछताछ मे दिक्कत आ रही थी। आरोपी को खैरागढ़ अस्पताल से लाकर पुछताछ करने पर घटना करना स्वीकार किया व टंगिया को पास में ही खेत डोली के झुरमुट में फेंक दिया और घटना दिनांक को पहने अधजले कपड़े को निकालकर अपने घर में छिपाना बताया तथा बेटा द्वारा यह भी बताया गया कि पिता शेष नारायण वर्मा पूर्व में 2010 में थाना गातापार में दोहरे मर्डर में 08 साल की सजा काट चुका है।
उक्त कार्यवाही में चौकी प्रभारी प्रमोद श्रीवास्तव, निरीक्षक जितेन्द्र वर्मा प्रभारी सायबर सेल व उनकी टीम आर. मनोज खुटे, परिवेश वर्मा, मनीष मानिकपुरी, मनीष वर्मा, योगेश राठौर तथा मोहारा चौकी से सउनि, महेन्द्र यादव, प्र.आर. महादेव, आर. मनीष सोनकर, आर. ऋषि मानिकपुरी, आर. राजाराम बारले, आर. अश्वनी कुर्रे, आर. आनंद कुमार, आर. कांताराम सिन्हा का सराहनीय योगदान रहा।