Dev Deepawali 2021: कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) को हिंदू धर्म में बहुत अहम माना गया है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके, दीपदान किया जाता है. दान-पुण्य करने के लिए कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा (Tripurari Purnima) भी कहते हैं. इस दिन पूजन-पाठ, कर्मकांड करना बहुत शुभ होता है. साथ ही इस दिन देव दीपावाली (Dev Deepawali) भी मनाई जाती है यानी कि इस दिन देवताओं की दीपावली होती है. इसके पीछे एक रोचक पौराणिक कथा है.
…इसलिए मनाते हैं देव दीपावली
पौराणिक कथाओं के मुताबिक त्रिपुरासुर नाम के एक राक्षस ने प्रयाग में कठोर तप किया. उसका तप इतना कठोर था कि उसके तेज से तीनों लोक जलने लगे थे. आखिरकार ब्रह्मा जी प्रकट हुए और उन्होंने त्रिपुरासुर से वरदान मांगने के लिए कहा. तब राक्षस ने वरदान मांगा कि उसे देवता, स्त्री, पुरुष, जीव ,जंतु, पक्षी, निशाचर कोई भी ना मार सके.
ब्रह्मा जी ने यह वरदान दे दिया लेकिन इसके बाद त्रिपुरासुर ने तीनों लोकों में ऐसा आतंक मचाया कि देवता परेशान हो गए. तब ब्रह्मा जी ने देवाताओं को भगवान शिव के पास जाने की सलाह दी. देवताओं ने भगवान शंकर से प्रार्थना की कि वे इस राक्षस के आतंक से मुक्त कराएं. इसके बाद कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर का वध कर दिया. इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं. त्रिपुरासुर के आतंक से मुक्त हुए देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं. इसीलिए इस दिन देव दीपावली मनाई जाती है और दीपदान किया जाता है.
जरूर करें दान-पुण्य
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य जरूर करें. यदि पवित्र नदियों में स्नान न कर पाएं तो पवित्र नदियों के जल को पानी में मिलाकर स्नान कर लें. इसके लिए 19 नवंबर 2021 को ब्रम्ह मुहूर्त से लेकर दोपहर 02:26 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा. मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. DAINIK PAHUNA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)