AAP Vs LG: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अधिकारियों को बड़ा निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) से सीधे निर्देश लेना बंद करें. सीएम केजरीवाल ने कहा कि सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के सचिवों को निर्देश दे दिए हैं कि ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीबीआर) का सख्ती से पालन करें. सचिवों को निर्देश दिया गया है कि वे उपराज्यपाल से मिलने वाले किसी भी सीधे आदेश के संबंध में संबंधित मंत्री को रिपोर्ट करें. केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर सचिवों को सीधा आदेश जारी कर रहे हैं.
एलजी के ऐसे असंवैधानिक सीधे आदेशों को लागू करना टीबीआर के नियम 57 का उल्लंघन माना जाएगा. एलजी की तरफ से दिया जाने वाला ऐसा कोई भी आदेश, संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है. सीएम ने कहा, संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू कराने के लिए सरकार की ओर से गंभीरता से काम किया जाएगा.
ट्विटर पर भिड़ गए थे एलजी-केजरीवाल
इससे पहले गुरुवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उपराज्यपाल को दिल्ली की बदतर होती कानून व्यवस्था को लेकर कदम उठाने चाहिये. मुख्यमंत्री ने नेब सराय पुलिस थाना क्षेत्र में 75 साल की महिला की हत्या से संबंधित मीडिया रिपोर्ट को साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘कल जब आपने कहा था कि आप दिल्ली की कानून व्यवस्था की स्थिति से संतुष्ट हैं, लोग बेहद दुखी हुए थे.’ उन्होंने कहा था,’माननीय उपराज्यपाल महोदय, शहर की कानून व्यवस्था की स्थिति का कुछ करिये.’
दिल्ली पुलिस के उपायुक्तों के साथ सक्सेना की बैठक के एक दिन बाद बुधवार को मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल ट्विटर पर भिड़ गए थे. उपराज्यपाल ने बुधवार को ट्वीट किया था कि दिल्ली पुलिस चुनौतियों के बावजूद सराहनीय काम कर रही है.
सिसोदिया ने भी लिखा एलजी को खत
वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी एलजी को एक पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया. सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग का भी प्रभार है. उन्होंने सरकारी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि उपराज्यपाल ऐसे प्रस्तावों को 15 दिनों से अधिक समय तक नहीं रोक सकते हैं.
सिसोदिया ने सक्सेना को लिखे पत्र में कहा, उपराज्यपाल के पास शिक्षकों के प्रशिक्षण प्रस्ताव को भेजे हुए करीब एक महीने का समय बीत चुका है. जीएनसीटीडी-2021 कार्य निष्पादन संशोधन के नियम-49 के तहत उपराज्यपाल और मंत्री के बीच किसी मामले में अलग-अलग राय होने की स्थिति में उपराज्यपाल को 15 दिनों के भीतर चर्चा के जरिये अलग-अलग राय का समाधान करना चाहिए