Centre Govt Vs Delhi Govt: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच खींचातानी बढ़ती जा रही है. सिविल सर्विसेज के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने दिल्ली सरकार के हाथों में सौंप दिया था लेकिन अब इसके खिलाफ मोदी सरकार अध्यादेश लेकर आई है. केंद्र सरकार के इस अध्यादेश पर केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वे गर्मी की छुट्टियों में सुप्रीम कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने इंतजार किया क्योंकि वे जानते हैं कि यह अध्यादेश अवैध है. उन्हें पता है कि यह 5 मिनट कोर्ट में नहीं टिकेगा. जब 1 जुलाई को SC खुलेगा, तो हम इसे चुनौती देंगे.
सीएम केजरीवाल का आरोप
राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रही थी. केजरीवाल ने आगे कहा कि यह किसी भद्दे मजाक की तरह है जो जनतंत्र के साथ हुआ है. सवा महीने बाद कोर्ट खुलेगी और हम भी जानते हैं. इस अध्यादेश का क्या होगा और वह लोग भी जानते हैं. क्या ये अध्यादेश सिर्फ सवा महीने के लिए लाया गया है?
#WATCH | They were waiting for the Supreme Court to be closed for summer vacations. They waited because they know this ordinance is illegal. They know it will not stand in the court for 5 minutes. When SC opens on July 1, we will challenge it: Delhi CM Arvind Kejriwal on the… pic.twitter.com/o29Ygb7f7Q
— ANI (@ANI) May 20, 2023
केंद्र ने दी प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सीएम अरविंद केजरीवाल के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली यूनियन टेरिटरी है. गौरव भाटिया ने आगे कहा कि कट्टर बेइमान तो केजरीवाल जी हैं, क्योंकि जिस संविधान से आप (अरविंद केजरीवाल) सीएम बने हैं, वैसे ही दिल्ली के एलजी बने हैं. केजरीवाल जी बोल गए कि कोर्ट में छुट्टी हो गई इसलिए अध्यादेश लाया गया है. अगर आपको यकीन है कि ये गैरसंवैधानिक है, तो सोमवार को वैकेशन बेंच में अपील कर दीजिए. सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.